21,04,2023
विकासनगर। रमजान के आखिरी जुमे पर पछुवादून की मस्जिदों में अलविदा की नमाज अदा की गई। अलग-अलग मस्जिदों में अकीदतमंदों ने रमजानुल मुबारक के अंतिम जुमे पर नमाज अदा कर मुल्क में अमन-चैन, शांति, भाईचारे और तरक्की के साथ खुशहाली के लिए दुआ मांगी। अलविदा की नमाज का उत्साह लोगों में सुबह से ही रहा। दोपहर से ही विभिन्न मस्जिदों में रोजेदार नमाज के लिए एकत्र होने लगे। नगर की जामा मस्जिद में शहर के अलग अलग आवासीय बस्तियों से आए रोजेदारों ने नमाज अदा की। जीवनगढ़ मस्जिद में अकीदतमंदों को मौलाना मौ. अमजद ने कहा कि हदीस शरीफ (मोहम्मद के शब्द) में बताया गया है कि जुमे के दिन ही हजरत आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत से दुनिया में भेजा गया था और जुमे को ही उन्होंने जन्नत में वापसी की थी। जुमे की नमाज अदा करने से पिछले पापों से मुक्ति मिलती है। एक जुमे की नमाज अदा करने से 40 नमाज अदा करना का सवाब मिलता है। पछुवादून की सभी मस्जिदों में अमन चैन की दुआ के लिए हजारों हाथ एक साथ उठे।
मुल्क ही सलामती के लिए नन्हें हाथ भी उठे
पछुवादून की मस्जिदों में नौनिहालों ने भी जुमे की नमाज अदा कर मुल्क की तरक्की और सलामती की दुआ मांगते हुए रमजान को अलविदा कहा। इस दौरान नौनिहालों ने हमजोलियों को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। अलविदा की नमाज के बाद अपने परिजनों के साथ बच्चों ने खरीददारी भी की।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक चौबंद
पछुवादून में हर त्यौहार आपसी मेलजोल से मनाने की परंपरा चली आ रही है। यहां होली, दीवाली, ईद, बैसाखी, क्रिसमस सभी धर्मों के लोग आपसी मेलजोल से मनाते हैं। बावजूद इसके अलविदा जुमे की नमाज को लेकर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही। पुलिस के जवान मस्जिदों के आसपास गश्त लगाने के साथ ही गांवों में भी कड़ी निगाहबानी करते रहे।