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महावीर जयंती पर दून में शोभायात्रा का जगह, जगह हुआ स्वागत।

Hamarichoupal

 

देहरादून। 4 अप्रैल। बिपिन नौटियाल। दून में महावीर जयंती पर शोभा यात्रा का जगह, जगह स्वागत किया गया। जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती है महावीर स्वामी जैन धर्म को मानने वाले लोगों के भगवान कहे जाते हैं महावीर जी 24वें और आखिरी जैन ऋषि माने जाते हैं। महावीर जयंती जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। भगवान महावीर को वर्धमान के नाम से भी जाना जाता है यह जैनियों के लिए सबसे शुभ दिन है और जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक शिक्षक (महावीर) की याद में दुनिया भर के जैन समुदाय द्वारा मनाया जाता है महावीर जयंती पर, जैन जुलूसों का आयोजन करते हैं, जो भक्ति संगीत और मंत्रों के साथ होते हैं जुलूस में आमतौर पर भगवान महावीर की मूर्ति को ले जाने वाला रथ शामिल होता है। और भगवान महावीर की शिक्षाओं पर जोर देते हैं। इस दिन जैनी भी एक दिन का उपवास रखते हैं और दान दया के कार्य करते हैं। वहीं जैन मिलन के सहयोग से दून चिकित्सालय में फल वितरण किया गया। जिसके बाद जैन धर्मशाला गांधी रोड पर मनोहर लाल जैन धर्मार्थ होम्योपैथिक चिकित्सालय द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवा वितरण शिविर भी लगाया गया। इसके पश्चात जैन भवन से ही शोभा यात्रा में भगवान को साथ लेकर चलने वालों के पात्रों का चयन किया गया।

तत्पश्चात श्रीजी की शोभायात्रा प्रारंभ हुई जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर शिरकत की। इस अवसर पर शहर को तोरण द्वार से सजाया गया, और विभिन्न तरह की झांकियां बैंड बाजे शोभायात्रा में शामिल की गई। जगह, जगह पर शोभा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। शोभा यात्रा का स्वागत राजपुर विधायक खजान दास मेयर सुनील उनियाल गामा एवं अन्य भाजपा के पदाधिकारियों ने किया। वहीं बोली लेने वालों मे ख्वासी गौरव जैन (आशिमा विहार) सार्थी राकेश जैन (यूको बैंक) कुबेर अवनीश जैन (जी एम एस रोड) जिनवाणी रथ ख्वासी समृद्धि जैन ( देवलोक) सार्थी नित्य जैन (मोती बाजार) कुबेर संगीता जैन (रायपुर) वालों ने ली। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म बिहार के कुंडाग्राम में हुआ था। भगवान महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था। कहा जाता है कि 30 वर्ष की आयु में इन्होंने राज महलों के सुख को त्याग कर सत्य की खोज में जंगलों की ओर चले गए। घने जंगलों में रहते हुए इन्होंने बारह वर्षों तक कठोर तपस्या की, जिसके बाद ऋजुबालुका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे उन्हें कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। भगवान महावीर ने समाज के सुधार और लोगों के कल्याण के लिए उपदेश दिए। भगवान महावीर का संदेश दया मानव धर्म का मूल मंत्र है दया शून्य धर्म हो ही नहीं सकता दूसरों की भलाई में अपनी भलाई निहित है खुद जियो और दूसरों को भी जीने दो अपनी ताकत और बहादुरी को दूसरों की सहायता और भलाई के लिए काम में लाओ।भगवान महावीर ने सभी को अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाया। इस मौके पर पुलिस प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिला। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष विनोद जैन मीडिया प्रभारी मधु जैन, सचिन जैन, संदीप (जैन मंत्री एवम संयोजक, जैन भवन) बीना जैन, सचिन जैन, मनीष जैन, आशीष जैन, राकेश जैन, राजेश जैन, सुनील जैन, मुख्य उत्सव समिति संयोजक आशीष जैन, अर्जुन जैन, प्रवीण जैन, रुढा मल जैन सुशील डिपार्टमेंटल नीरज राजीव जैन, नाम मैं पूनम रीना मंजू मोनिका बीना ममता अलका अशोक आदि लोग मौजूद रहे।

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