देहरादून
(AnuragGupta)
उत्तराखंड बनने से आज तक वैसे तो उत्तराखंड का और घोटाला का चोली दामन का साथ रहा है। क्या उत्तराखंड के लोगों ने यही दिन देखने के लिए इस राज्य के निर्माण की मांग की थी। आज उत्तराखंड में ऐसा कोई भी विभाग नहीं बचा जो घोटालों की चपेट में ना हो। या यूं कहें कि घोटालों का और विभागों का तालमेल इस तरह से बैठ चुका है कि विभाग घोटाले किए बगैर काम नही चलेगा।
जबकि उनको पता है कि एक ना एक दिन तुम्हारा यह भ्रष्टाचार दुनिया के सामने उजागर होगा उसके बाद भी उत्तराखंड में यह भ्रष्ट अधिकारी किसी भी तरह का घोटाला करने से पीछे नहीं हटते। अगर उत्तराखंड में घोटालों की बात करें तो चाहे वह जमीन घोटाला, शिक्षा विभाग घोटाला,खनन माफिया घोटाला,चिकित्सा घोटाला, नकल घोटाला, नौकरी घोटाला, एनएच 74 घोटाला और तमाम ऐसे घोटाले उत्तराखंड में इन भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा कर दिए गए जिससे उत्तराखंड का नाम भी देश स्तर पर कहीं ना कहीं दागदार हुआ है।
जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री दिन रात मेहनत कर प्रदेश की छवि सुधारने में लगे हुए हैं प्रदेश को किसी भी तरह के कलंक से बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। वही यह अधिकारी उनकी इस मेहनत पर बट्टा लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
ऐसा ही एक घोटाला 2015 में दरोगा भर्ती घोटाला प्रकाश में आया था आज 7 साल बाद 20 दरोगा को सस्पेंड किया गया है।
उत्तराखंड पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा मामले में 20 संदिग्ध दरोगा सस्पेंड कर दिए गए हैं। वर्ष 2015 पुलिस दारोगा भर्ती परीक्षा मामले में यह कार्रवाई की गई है। मामले में 20 संदिग्ध दारोगा पर ये एक्शन लिया गया है। आदेश के अनुसार, 20 से अधिक पुलिस दारोगा जांच पूरी होने तक सस्पेंड रहेंगे।उत्तराखंड विजलेंस इस मामले की जांच कर रही है। पंत नगर यूनिवर्सिटी ने ये दारोगा भर्ती परीक्षा करवाई थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने सोमवार को इस फैसले की जानकारी दी।
पुलिस मुख्यालय ने निलंबित 20 दरोगाओं के नाम और पोस्टिंग स्थल भी जारी किए हैं.जिन 20 दरोगा को निलंबित किया गया है, उनके नाम दीपक कौशिक ,अर्जुन सिंह, बीना पपोला, हरीश माहर, संतोषी, जगत सिंह ,लोकेश हैं. ये उधम सिंह नगर में तैनात थे। नीरज चौहान, भावना बिष्ट, आरती पोखरियाल,प्रेमा कोरगा नैनीताल में नियुक्त थे।ओमवीर, प्रवेश रावत, निखिल बिष्ट,राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा देहरादून में तैनात थे। पुष्पेंद्र पौड़ी और गगन मैठानी चमोली वहीं तेज कुमार चंपावत और मोहित सिंह रौथान एसडीआरएफ में ड्यूटी कर रहे था।