देहरादून, Hamarichoupal,29,11,2022
दून में विधानसभा सत्र मुसीबत लेकर आता है। खासकर डिफेंस कॉलोनी, फ्रेंडस कॉलोनी, गोरखपुर, एमडीडीए कॉलोनी केदारपुरम, नवादा, शास्त्री नगर आदि क्षेत्रों के लोगों के लिए शहर की तरफ आना चुनौती से कम नहीं होता। विधानसभा के सामने वाली सड़क पर जीरो ट्रैफिक जोन होने की स्थिति में लोगों को पैदल निकलना पड़ता है। कई बार तो बड़े धरना-प्रदर्शनों के दौरान पैदल प्रवेश भी बंद कर दिया जाता है। स्कूली बच्चों, बुजुर्ग सबसे ज्यादा मुश्किल झेलते हैं। तय रूट पर विक्रम और बसें नहीं चलने के कारण लोग परेशान होते हैं। जुलूस निकलने की स्थिति में रिस्पना पुल पर बैरिकेडिंग कर दी जाती है। ऐसे में यात्री वाहन धर्मपुर से आगे नहीं जा पाते। स्थानीय लोगों का कहना है कि राज्य बनने के साथ से ही यह दिक्कत झेल रहे हैं। कोई स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा। रूट डायवर्ट होने पर वाहनों को दून विवि रोड, मोथरोवाला, बंजारावाला होकर भेजा जाएगा, लेकिन इनदिनों यहां सीवर लाइन कार्य के चलते सड़कें खुदी हुई हैं। कई जगह वाहन भी धंस रहे हैं। कारगी चौक, पुरानी बाईपास चौकी और अजबपुर चौक से वाहनों को डायवर्ट कर मोथरोवाला-दूधली मार्ग होकर ऋषिकेश-हरिद्वार के लिए भेजा जाता है। यहां भी सड़कों की खुदाई का काम चल रहा है। कारगी चौक से मोथरोवाला तिराहे के बीच पोल शिफ्टिंग के काम के कारण पहले से ही जाम लग रहा है। अब वाहनों का दबाव बढ़ने से यहां हालात और बिगड़ जाएंगे।
रूट डायवर्ट तो कर देते हैं साइनबोर्ड नहीं लगाते: सैनिक
सहकारी आवास समिति के उपाध्यक्ष विमल नौटियाल का कहना है कि पुलिस रूट डायवर्ट तो कर देती है, लेकिन साइन बोर्ड नहीं लगाए जाते। बाहरी वाहन रास्ता भटककर कॉलोनियों में घूमते रह जाते हैं। बैरिकेडिंग के कारण पांच से सात किमी का चक्कर काटना पड़ता है। शाम को सत्र समाप्त होने के बाद भी बैरिकेडिंग नहीं खुलती। पुलिसकर्मियों तक सूचना ही नहीं मिलती। मिस मैनेजमेंट रहता है। धरने-प्रदर्शन के दिन तो घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। स्कूली बच्चों को पैदल आना-जाना पड़ता है।
बैंक-अस्पताल जाना मुश्किल
केदारपुरम एमडीडीए कॉलोनी निवासी कमलेश खंतवाल ने बताया कि विधानसभा के सामने से विक्रम और बसों की एंट्री बंद कर दी जाती है। गोरखपुर चौक पर ही पुलिस लगा दी जाती है। बसें मोथरोवाला, बंगाली कोटी, हरिद्वार बाईपास घूमकर शहर की तरफ आती हैं। एमडीडीए-रिस्पना के बीच चलने वाले विक्रम आधे रास्ते से लौट जाते हैं। विधानसभा के सामने पीएनबी की शाखा है। वहां नहीं जा पाते। अस्पताल जाने वालों को भी दिक्कत होती है। जब से राज्य बना तब से यह मुसीबत झेल रहे हैं।