{अनिल सती}
अमृतसर,26,06,2022
सिमरजीत सिंह मान ने आप के उम्मीदवार गुरमैल सिंह को 5822 वोटों के अंतर से हरा दिया। हाल ही में विधानसभा चुनाव में फतह हासिल करके आई आम आदमी पार्टी के किले को ढहाते हुए सिमरजीत सिंह ने बड़ी जीत हासिल की है। इस जीत के साथ ही लोगों के मन में यह बात भी आ रही है कि आखिर कौन हैं सिमरजीत सिंह मान? इनकी जीत से क्या यह लग रहा है कि पंजाब में एक बार फिर से खालिस्तान समर्थक मजबूती की ओर जा रहे हैं। यदि सिमरजीत सिंह का इतिहास खंगाला जाए तो कुछ ऐसा ही दिखता है।
सिमरजीत सिंह मान को खालिस्तान समर्थक माना जाता है।
उनका टि्वटर डिस्क्रिप्शन भी खालिस्तान की मांग का समर्थन करता है। जून 2005 में मान ने खालिस्तानी विचारक जगजीत सिंह चौहान और पांच अन्य के साथ मिलकर खालिस्तान समर्थक नारे लगाए थे। वहीं ऑपरेशन ब्लू स्टार की 21वीं बरसी पर उन्होंने अकाल तख्त पर भड़काऊ भाषण भी दिया था। उन्हें हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में बेल पर रिहा कर दिया गया। मान खुद भी यह बात स्वीकार कर चुके हैं कि उन्होंने खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके आदमियों की हथियार बांटने में मदद की थी। यह दौर 1980 था और तब वह फरीदकोट में एसएसपी के पद पर तैनात थे। छह जून 2022 को भी उनके समर्थकों ने प्रो-खालिस्तानी नारे लगाए थे। वहीं छह जून 2019 को मान ने भिंडरावाले को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
सिमरजीत की पृष्ठ भूमि कुछ ऐसी है, 77 साल के सिमरजीत सिंह शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 1945 में शिमला में हुआ था। उनका फैमिली बैकग्राउंड मिलिट्री-पॉलिटिकल वाला रहा है। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान 1967 में पंजाब विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। वह तीन बार के सांसद रह चुके हैं। एक बार 1989 में तरण तारण और एक बार 1999 में संगरूर से जीत चुके हैं। यह बतौर सांसद उनका तीसरा कार्यकाल होगा। बताया जाता है कि मान को 30 बार पुलिस हिरासत में लिया जा चुका है। हालांकि कभी भी उन्हें सजा नहीं हुई। मान की शादी गीतिंदर कौर मान से हुई है। दिलचस्प बात यह है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रनीत कौर और मान की पत्नी बहनें हैं।