देहरादून,15,12,2021, HamariChoupal
अनशनकारी प्रवीण सिंह काशी ने पुलिस हिरासत से छूटने के बाद वापस गांधी पार्क आकर अनशन को जारी किया। अनशनकारी की स्वास्थ्य जांच नहीं हो रही है। जिससे समर्थकों में रोष है। एक राज्य एक राजधानी स्थाई राजधानी गैरसैंण को लेकर गांधी पार्क देहरादून में आमरण अनशनकारी प्रवीण काशी के अनशन का आज चौथा दिन है। प्रवीण काशी का कहना है कि वे आखिरी सांस तक अनशन करेंगे। राज्य कुर्बानियों, शहादतों और संघर्षों से बना। जिस राज्य की परिकल्पना शहीदों ने की वह पहाड़ी राज्य नहीं बन पाया। नौजवान बेरोजगारी की समस्या से पीड़ित हैं। सरकार जनता के टैक्स के पैसे को दो राजधानियों को बनाने में खर्च कर रही है। अगर रेल कर्णप्रयाग तक जा सकती है तो स्थाई राजधानी गैरसैंण में क्यों नहीं बन सकती? टिहरी बांध, पंचेश्वर बांध जैसी पर्यावरण विरोधी परियोजनाओं का निर्माण हो सकता है तो राज्य आंदोलनकारियों के सपनों की राजधानी गैरसैंण क्यों नहीं बन सकती। समाज सेवी गीता चंदौला ने अनशनकारी के स्वास्थ्य की जांच न होने पर कहा कि आंदोलनकारियों की इस तरह की बेरुखी ठीक नहीं है। समाज सेवी अरविंद हटवाल ने कहा कि पलायन रोकने के लिए सबसे पहले सरकार को गैरसैंण में बैठना होगा। 21 वर्षों से सरकार उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद उत्तर प्रदेश के सीमा देहरादून में बैठी हुई है। जब तक सरकार का रिवर्स पलायन नहीं होता सरकार की बातें झूठ का पुलिंदा के सिवाय कुछ भी नहीं है। गैरसैंण बचाओ अभियान के उपाध्यक्ष पूरन सिंह नेगी ने कहा कि गैरसैंण के बिना उत्तराखंड आत्माविहीन है। एडीआर के संयोजक मनोज ध्यानी ने कहा गढ़वाल और कुमाऊं के सभी आंदोलनकारी गैरसैंण को सिर्फ ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर गुस्से में हैं। गैरसैंण मुद्दे पर प्रवीण काशी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने की इच्छा जाहिर की है।