Monday , November 25 2024

ग्लेशियरों के पिघलने से बनने वाली झीलों की संख्या लगातार बढ़ रही

देहरादून ।  हिमालय में ग्लोबल वार्मिंग से ग्लेशियरों के पिघलने से बनने वाली झीलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले 40 साल में उच्च हिमालय और पीर पंजाल की रेंज में ऐसी झीलों की संख्या दोगुनी हो गई है। पहले से मौजूद झीलों का आकार भी 2 से 3 गुना बढ़ा है। झीलों के आकार और संख्या बढ़ने से इस क्षेत्र में अत्यधिक बारिश, ग्लेशियर टूटने अथवा भू-स्खलन से झीलों के फटने से बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।

एनआईटी हमीरपुर के सिविल विभाग के प्रोफेसर चंद्र प्रकाश ने यह खुलासा किया है। सालों से वह ग्लेशियरों से बनने वाली झीलों पर शोध कर रहे हैं। ग्लेशियर झीलों का यह अध्ययन इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट डाटा और अमेरिका द्वारा साल 1971 में की गई कोरोना एरियल फोटोग्राफ की मदद से किया गया है। साल 1971 में उच्च हिमालय और पीर पंजाल रेंज की चंद्रा, भागा, ब्यास और पार्वती नदी घाटी में 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से बड़ी कुल 77 झीलें मौजूद थीं।

2011 में इनकी संख्या बढ़कर 155 हो गई। नेपाल, भूटान, तिब्बत और भारत के सिक्किम, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों में झीलों की संख्या बढ़ रही है। चंद्र और भागा बेसिन को व्यास और पार्वती बेसिन से अलग करने वाली पीर पंजाल रेंज भी इस अध्ययन का केंद्र बिंदु रहा है। हालांकि उच्च हिमालय रेंज में पीर पंजाल रेंज की बजाय अधिक ग्लेशियर झीलों का निर्माण पिछले चार दशक में देखने को मिला है।

किस बेसिन में बढ़ी कितनी झीलें और आकार

उच्च हिमालय में किए अध्ययन से पता चलता है कि चंद्रा बेसिन में 1971 में 14 झीलें थी जो 2011 में बढ़कर 48 हो गईं, जबकि भागा बेसिन में 1971 में 26 झीलें थीं जो बढ़कर 46 हो गई। इसी तरह पीर पंजाल रेंज के पार्वती बेसिन में 1971 में 15 झीलें थीं, जो 2011 में 29 हो गईं। इसी रेंज के व्यास बेसिन में साल 1971 में 22 झीलें जो साल 2011 में बढ़कर 31 हो गईं।

इन सभी झीलों का आकार 1000 वर्ग मीटर से अधिक है, जबकि इससे छोटे आकार की भी बहुत से झीलें इन नदी घाटियों में हैं। ग्लोबल वार्मिंग से पिघलते ग्लेशियर मानवता के लिए बड़ा खतरा हैं। विश्व भर में 2016 से पहले 1348 ग्लेशियर झीलों के फटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं में 13000 लोगों की मौत हुई है।

About admin

Check Also

सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात का 116वां संस्करण सुना

देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को हाथीबड़कला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *