28,08,2021,Hamari Choupal
हल्द्वानी। 12 सूत्री मांगों को लेकर आशा वर्कर्स का कार्य बहिष्कार शनिवार को 27वें दिन भी जारी रहा। आशाओं ने सरकार पर उनकी मांगों को टालने का आरोप लगाया है। चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों का घेराव किया जाएगा। 2 अगस्त से चल रही आशाओं की हड़ताल आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले जारी है। शनिवार को महिला अस्पताल में धरना-प्रदर्शन के दौरान आशाओं ने कहा कि राज्य सरकार ने अब नया शिगूफा अखबारों में उछालना शुरू किया है कि हम मानदेय के सवाल पर अन्य राज्यों का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए कि अन्य राज्य जब मानदेय घोषित कर रहे थे, तब क्या उन्होंने उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों का अध्ययन किया या अपनी खास भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप मानदेय फिक्स किया। उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में आशाओं को कार्य करना पड़ता है।
इसको देखते हुए आशाओं को जो भी मासिक वेतन सरकार दे वो भी कम ही है, लेकिन अभी सरकार कोई मासिक वेतन फिक्स तो करे। आरोप लगाया किया कि राज्य की धामी सरकार अन्य राज्यों के अध्ययन के नाम पर मासिक वेतन का मामला लटकाये रखना चाहती है। इसे कतई स्वीकार नहीं किया जायेगा। यदि टालमटोल का सरकारी पैंतरा इसी प्रकार जारी रहा तो आशाएं मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों का घेराव करने को विवश होंगी। इस दौरान रीना बाला, गीता, बीना कोरंगा, हंसी, गीता बोरा, भगवती, सरोज, पूनम, गीता, फरहीन, मालती, यशोदा, पुष्पा, हेमा, राजेश्वरी, देवकी, कमला, राबिया, मीना, रेनू, नीमा, अनीता, सुनीता, कमलेश, तुलसी, आनंदी, विमला, बीना, मुन्नी, दशरथी, विनीता, मनीषा आर्य, चन्द्रकला, अनुराधा, नीमा आर्य, पुष्पा आर्य, भगवती बिष्ट, ममता, जरीन, अंबिका जोशी, भगवती पांडे, पूनम, तारा, गंगा लटवाल, दीपा, रजनी, मंजू, चम्पा, बसंती, यास्मीन, सरिता, रेनू, रेखा, हेमा आदि मौजूद रहीं।