Dehradun,15,11,2025
देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव का समापन राज्य के प्रतिष्ठित “टीचर ऑफ द ईयर” अवार्ड के साथ संपन्न हो गया। समापन समारोह में कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत, एम्स ऋषिकेश की निदेशक डॉ मीनू सिंह एवं क्वांटम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विवेक कुमार को “वाइस चांसलर ऑफ द ईयर” तथा उत्तराखंड बायोटेक्नोलॉजी काउंसिल के निदेशक डॉ संजय कुमार को “आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन अवार्ड” प्रदान किया गया। 04 संस्थानों डीआइटी विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी, क्वांटम विश्वविद्यालय और माया देवी विश्वविद्यालय को अलग अलग श्रेणियों में हिमालयन एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किया गया।
इस वर्ष 12 अध्यापकों को “एक्सीलेंस इन रिसर्च” अवार्ड से सम्मानित किया गया जबकि चार को “प्रिंसिपल ऑफ द ईयर” अवार्ड से सम्मानित किया गया। जबकि 28 अध्यापकों को “टीचर ऑफ द ईयर” अवार्ड से सम्मानित किया गया। देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व प्रमुख वन संरक्षक एवं हेड ऑफ फॉरेस्ट श्री जयराज ने कहा कि समापन सत्र में जब अध्यापकों को सम्मान देने की बात हो रही है तो अध्यापकों का दायित्व भी बढ़ जाता है उन्होंने अध्यापकों को से कहा कि वह केवल पढ़ाने के लिए ना पढ़ाये बल्कि कुछ अलग तरीके से पढ़ाई और छात्रों में छिपी प्रतिभा को ढूंढ कर आगे लाने का प्रयास करें। अपने अध्यक्षीय भाषण में उत्तराखंड उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि सभी अध्यापकों को नई शिक्षा नीति पर विचार करने की और उसकी पूरी तरह से समझ कर धरातल पर उतरने की बहुत ही जरूरत है। देहरादून अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव के आयोजन सचिव डॉक्टर कुंवर राज अस्थाना ने बताया कि तीन दिन तक चले इस फेस्टिवल में 25 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनमें ग्रीन एनर्जी कांक्लेव, बायोटेक्नोलॉजी कांक्लेव, मेडिकल टेक्नोलॉजी कांक्लेव, रूरल एंटरप्रेन्योरशिप एवं स्टार्टअप कांक्लेव, बौद्धिक संपदा अधिकार कांक्लेव, यंग साइंटिस्ट एवं स्टार्टअप कांक्लेव, मीट द साइंटिस्ट, ड्रोन टेक्नोलॉजी वर्कशॉप, रोबोटिक वर्कशॉप, मॉडल रॉकेटरी वर्कशॉप, स्टेम वर्कशॉप, साइंस पोस्टर कंपटीशन, साइंस क्विज आदि कार्यक्रमों के अलावा एक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की एक अनोखी प्रदर्शनी का भी आवेदन किया गया था जिसमें आईआईपी, एसडीआरएफ, नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग, पुलिस टेलीकॉम, एसटीएफ, सेंटर फॉर अरोमैटिक प्लांट्स, जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया, बायोटेक्नोलॉजी आदि के अलावा प्रौद्योगिकी आधारित कई स्टार्टअप्स तथा कई इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक के छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल का प्रदर्शनी शामिल थी। इसके अलावा प्रदर्शनी स्थल पर लगी टेलीस्कोप तथा इलेक्ट्रिक व्हीकल आकर्षण का केंद्र थे। साइंस पोस्टर, साइंस क्विज एवं मैथ क्विज में कुल 108 छात्रों को ऑन द स्पॉट आकर्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। यंग साइंटिस्ट एवं स्टार्टअप कॉन्क्लेव में चार विजेता टीमों को 10000- 10000 रुपए का चेक प्रदान किया गया। 100 से अधिक छात्रों को एयरोमॉडलिंग वर्कशॉप में निशुल्क किट प्रदान की गई। स्टेम वर्कशॉप में 100 से अधिक बच्चों किट भी प्रदान की गई। 40 बच्चों ने रॉकेट बनाने की हैंड्स ऑन ट्रेनिंग ली। छात्रों द्वारा बनाए गए रॉकेट्स को यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉक्टर दुर्गेश पंत ने अपने हाथों से लॉन्च किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस अनोखे महोत्सव में छात्रों को नई-नई तकनीकियों के बारे में जानने का मौका मिला और वैज्ञानिकों के साथ संवाद करने का मौका भी मिला साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में बहुत सी प्रदर्शनियां ऐसी थी जो सामान्य रूप से किसी के लिए भी उपलब्ध नहीं थी। बच्चों को प्रौद्योगिकी के बारे में जानकर बहुत ही आनंद महसूस हुआ। कार्यक्रम का स्वागत भाषण यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉक्टर डीपी उनियाल ने दिया। कार्यक्रम के समन्वयक एवं टीचर ऑफ द ईयर स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य सचिव उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय गोपेश्वर कैंपस के निदेशक डॉक्टर अमित अग्रवाल ने टीचर ऑफ द ईयर के नॉमिनेशन प्रक्रिया और स्क्रीनिंग प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा ए एस उनियाल, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ओपीएस नेगी, एम्स ऋषिकेश की निदेशक मीनू सिंह, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति दीवान सिंह रावत, डीएवी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अजय कुमार सक्सेना, तकनीकी शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक आर पी गुप्ता, क्वांटम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर विवेक कुमार सहित बड़ी संख्या में वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, अध्यापक, छात्र एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में प्रतिभा करने वाले विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे।