देहरादून,06,11,2025
देहरादून। उत्तराखंड राज्य युवा महोत्सव के दूसरे दिन परेड ग्राउंड में तकनीक, परंपरा और युवाओं की सहभागिता का अद्भुत संगम देखने को मिला। युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय यह भव्य आयोजन उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ कृ राज्य के सिल्वर जुबली वर्ष कृ के अवसर पर मनाया जा रहा है। दिन की शुरुआत बहुप्रतीक्षित स्पोर्ट्सटेक हैकाथॉन से हुई, जिसमें युवा नवाचारकों ने खेल प्रदर्शन, एथलीट प्रशिक्षण और फिटनेस तकनीक को बेहतर बनाने से जुड़े आधुनिक समाधान प्रस्तुत किए। वहीं पारंपरिक खेल मुर्गाझपट ने भी दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया, जो उत्तराखंड की पारंपरिक खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने का एक सराहनीय प्रयास रहा।
आधुनिक जिम उपकरणों की प्रदर्शनी ने खेल विज्ञान और प्रशिक्षण तकनीकों में हो रहे विकास को रेखांकित किया, जबकि विज्ञान मेला में विद्यार्थियों के नवाचार, इंटरएक्टिव डिस्प्ले और प्रयोगों ने युवाओं में वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा ने महोत्सव की भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा, “उत्तराखंड राज्य युवा महोत्सव हमारे युवाओं की क्षमता, सृजनशीलता और सांस्कृतिक शक्ति का प्रमाण है। यह सिल्वर जुबली वर्ष विशेष महत्व रखता है क्योंकि हम केवल अपनी प्रगति का उत्सव नहीं मना रहे, बल्कि युवा पीढ़ी को ‘विकसित उत्तराखंड’ और ‘विकसित भारत’ के निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।’”
फिट उत्तराखंड अभियान के तहत आयोजित पुश-अप चैलेंज और रोमांचक ड्रोन कबड्डी ने दिनभर माहौल को ऊर्जावान बनाए रखा। राज्य की लोक संस्कृति का रंग भी पूरे दिन छाया रहा लोकगीत और लोकनृत्य प्रतियोगिताओं में विभिन्न जनपदों से आए प्रतिभागियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल ने कहा, “युवाओं का उत्साह उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। ऐसे आयोजन न केवल प्रतिभा को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि सामुदायिक और सांस्कृतिक गर्व को भी मजबूत करते हैं।” मार्शल आर्ट्स प्रतियोगिता में विभिन्न भार वर्गों के परिणाम घोषित किये गए। 45 किलो वर्ग में देहरादून के लोकीन्दर प्रथम, नैनीताल के आयुष द्वितीय और देहरादून के प्रत्याक्ष तृतीय स्थान पर रहे। 45दृ50 किलो वर्ग में ऊधमसिंह नगर के अथर्व प्रथम, नैनीताल के चैतन्य द्वितीय और ऊधमसिंह नगर के ज़ोयाब तृतीय स्थान पर रहे। 50दृ55 किलो वर्ग में ऊधमसिंह नगर के विवान प्रथम, देहरादून के आदम्य द्वितीय और सरांश तृतीय स्थान पर रहे। 55-60 किलो वर्ग में नैनीताल के कव्यांश प्रथम, देहरादून के अथर्व द्वितीय और अंश तृतीय स्थान पर रहे। 60$ किलो वर्ग में ऊधमसिंह नगर के मनन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि अभिनव (ऊधमसिंह नगर) द्वितीय और ओशो (टिहरी) तृतीय रहे।
लोकगीत प्रतियोगिता में देहरादून की टीम ने प्रथम, पिथौरागढ़ ने द्वितीय और उत्तरकाशी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। लोकनृत्य प्रतियोगिता में भी देहरादून की टीम प्रथम रही, जबकि चम्पावत द्वितीय और बागेश्वर तृतीय स्थान पर रहे। सांयकालीन सत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शृंखला ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पिंडर घाटी थराली के कलाकारों की प्रस्तुतियों के बाद चमोली जिले के लोक कलाकारों ने अपनी मनभावन प्रस्तुतियों से सभागार को जीवंत कर दिया। रात्रि का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध गायक दर्शन फर्सवाण का लाइव प्रदर्शन रहा। उन्होंने ‘हे मोहना’, ‘झुमकी’, ‘हे नंदा’, ‘मोहनी’ और ‘मोती मां’ जैसे लोकप्रिय गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं बैंड तपस्व के ऊर्जावान प्रदर्शन ने माहौल को और भी जोशपूर्ण बना दिया। प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ महोत्सव में उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, शिल्प और उद्यमिता को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। 200 से अधिक स्टॉलों में जैविक उत्पाद, मिलेट्स, फल, सब्जियां, हथकरघा, हस्तशिल्प, वस्त्र, पारंपरिक आभूषण, फुटवियर, पुस्तकें, गृह सज्जा सामग्री और महिला परिधान प्रदर्शित किए गए। स्थानीय व्यंजनों से सजे फूड स्टॉल्स में पहाड़ी स्वाद, मिलेट्स से बने व्यंजन और फ्यूजन रेसिपी ने आगंतुकों का दिल जीत लिया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों में अतिरिक्त निदेशक आर.सी. डिमरी, वित्त नियंत्रक बी.एन. पांडे, संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल, उप निदेशक शक्ति सिंह एवं एस.के. जयराज, सहायक निदेशक नीरज गुप्ता एवं दीप्ति जोशी तथा सहायक लेखा अधिकारी हिमानी भट्ट शामिल रहे।