Dehradun,13,10,2025
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के आंदोलन के द्वितीय चरण का सोमवार को आठवां दिन रहा। दिनांक 13 अक्टूबर 2025 को एसोसिएशन की शाखा मुख्यालय के अध्यक्ष जसवंत खोलिया और शाखा मंत्री पिंकेश रावत के नेतृत्व में मुख्यालय के समस्त कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय लंबित मांगों के समाधान न होने पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया। इस दौरान कर्मचारियों ने नियमित राजकीय कार्य करते हुए सरकार और शासन के प्रति असंतोष प्रकट किया।
आंदोलन में प्रांतीय सलाहकार मनमोहन नेगी, टीका राम सती, बिरेन्द्र तोमर, भूपेन्द्र सिंह भण्डारी, अनुज जैन, आशीष चन्द्र, विकास पंवार, अनुराग चंचल, अनुराग असवाल, अरविन्द्र चौहान, अमित कोठारी, संजय, दिपेन्द्र, रोजी सिंह, मुकेश और यशवीर सहित अनेक कर्मचारी शामिल रहे।
एसोसिएशन ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के कुल राजस्व में राज्य कर विभाग का योगदान 50 प्रतिशत से अधिक है, इसके बावजूद कर्मचारियों के संरचनात्मक ढांचे का वर्ष 2006-07 के बाद से अब तक पुनर्गठन नहीं किया गया है। वहीं, राज्य कर विभाग के अधिकारी संवर्ग का ढांचा वर्ष 2006, 2014-15 और 2024-25 में तीन बार पुनर्गठित किया गया, जिससे अपर आयुक्त से लेकर सहायक आयुक्त तक के कई नये पद और कार्यालय सृजित हुए।
कर्मचारियों ने कहा कि विभाग में वर्तमान में अधिकारियों के कुल 481 स्वीकृत पदों की तुलना में कर्मचारियों के मात्र 777 पद स्वीकृत हैं, जो सरकारी विभागों में अपेक्षित पिरामिड ढांचे के विपरीत स्थिति दर्शाते हैं। सरकार द्वारा कर्मचारियों के हितों की अनदेखी और पक्षपातपूर्ण रवैया निराशाजनक है। वर्ष 2006 के बाद से अब तक ढांचे के पुनर्गठन का प्रस्ताव लंबित है, जबकि पिछले 20 वर्षों से कर्मचारी इस मांग को लेकर संघर्षरत हैं।
एसोसिएशन ने बताया कि 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद राज्य कर विभाग में कार्यभार कई गुना बढ़ गया है। पहले जहां पंजीकृत व्यापारियों की संख्या लगभग एक लाख थी, वहीं अब यह बढ़कर दो लाख तेरह हजार तक पहुंच चुकी है। व्यापारियों की संख्या में इस वृद्धि के कारण कर्मचारियों पर कार्य दबाव असहनीय स्तर तक पहुंच गया है, जिससे वे मानसिक रूप से तनावग्रस्त हैं।
उल्लेखनीय है कि 6 सितंबर 2025 को राज्य कर भवन, 23-लक्ष्मी रोड, डालनवाला में प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि 10 सूत्रीय मांगों पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की जाती है, तो आंदोलन को चरणवार रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।
कर्मचारियों की प्रमुख 10 सूत्रीय मांगों में—कर्मचारी ढांचे का पुनर्गठन, राज्य कर अधिकारियों की नई नियमावली बनाना, समय से पदोन्नति, परित्याग नियमावली (Forgo) से विभाग को मुक्त करना तथा कर्मचारियों के लिए आवासीय व्यवस्थाओं का समाधान प्रमुख रूप से शामिल हैं।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर 16 अक्टूबर 2025 तक सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई, तो आगामी 17 अक्टूबर 2025 को मुख्यालय समेत प्रदेशभर की सभी शाखाओं में विरोधस्वरूप सभी कार्यालयों में सुबह 11 बजे से 12 बजे तक गेट मीटिंग आयोजित की जाएगी।