हरिद्वार,02,10,2025
देहरादून। हरिद्वार डिवीजन हाथियों की मौत का एपिक सेंटर बनता जा रहा है। स्थिति यह है कि पिछले 6 दिनों में तीसरे हाथी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है। पहले ही ये डिवीजन अवैध वेनम सेंटर को लेकर चर्चाओं में है। हैरत की बात ये है कि हरिद्वार में यह बवाल पिछले कुछ समय से ही शुरू हुआ है जो अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। हरिद्वार डिवीजन यूं तो अक्सर हाथियों की चहल कदमी के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि यह डिवीजन हाथियों की मौत का भी एपिक सेंटर बन गया है। स्थिति यह है कि पिछले 6 दिनों में तीसरे हाथी की संदिग्ध परिस्थितियों में डेड बॉडी वन विभाग को मिली है। लगातार हाथियों की हो रही मौत के कारण वन विभाग में भी हड़कंप को मचा हुआ है।
हरिद्वार डिवीजन में हाथियों की मौत के मामलों को देखें तो पहली मौत 26 सितंबर को खानपुर रेंज से सामने आई थी। यहां अमरूद के बगीचे में एक नर हाथी का शव मिला था। इस हाथी की उम्र 30 से 35 साल बताई जा रही है। हालांकि, वन विभाग इसकी मौत के पीछे की वजह नहीं बता पाया है। हाथी के पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट भी अभी तक प्राप्त नहीं हो पाई है। हालांकि, स्थानीय लोग करंट लगने से मौत की बात कह रहे हैं।
हरिद्वार डिवीजन में ही खानपुर रेंज में 29 सितंबर को एक और हाथी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। हाथी का यह शव बुग्गावाला गांव के पास मिला, जो कि एक निजी भूखंड पर था। यह हाथी काफी दिनों से हरिद्वार शहरी और रिहायशी इलाकों में देखा जा रहा था। लोग इस हाथी को एक दांत वाला कहकर पहचान कर रहे थे। खास बात यह है कि इस हाथी की मौत करंट लगने से पाई गई है। जिस पर भू स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। यह हाथी करीब 42 साल का बताया जा रहा है।
भी दूसरे हाथी की मौत के बाद वन विभाग में हड़कंप की स्थिति थी कि 1 अक्टूबर को एक और हाथी का शव मिल गया। हैरानी की बात यह है कि यह मामला भी हरिद्वार डिवीजन का ही है और हरिद्वार डिवीजन के श्यामपुर रेंज की ये घटना है। फिलहाल इस नर हाथी के बेहद कमजोर होने और हार्ट फेल के कारण मृत्यु होने की बात कही जा रही। लेकिन तस्वीरों में इस हाथी के कुछ दूरी पर सोलर फेंसिंग भी दिखाई दी है। इसलिए इस हाथी की मौत को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यह एक नर हाथी था जिसकी उम्र करीब 30 साल मानी जा रही है। हरिद्वार डिवीजन पिछले कुछ समय से लगातार चर्चाओं में है और यहां वाइल्डलाइफ क्राइम के मामले सामने आए हैं। अवैध वेनम प्रकरण पर अब तक हरिद्वार डिवीजन इस अवैध कारोबार को करने वाले संचालक की गिरफ्तारी नहीं कर पाया है। खास बात यह है कि एक तरफ जहर के अवैध व्यापार के मामले पर हरिद्वार में वन विभाग सवालों के घेरे में है तो वहीं एक के बाद एक हाथियों के मरने से भी यहां के अधिकारी कर्मचारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हाथियों की लगातार एक के बाद एक हो रही मौत को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन को मौके की स्थिति देखने के निर्देश दिए। इसके बाद वन विभाग के तमाम अधिकारी भी हरिद्वार डिवीजन पहुंचकर हाथियों की हो रही रहस्यमई मौत को बारीकी से समझने के लिए पहुंचे है।