विकासनगर,02,10,2025
विकासनगर तहसील क्षेत्र लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में पेड़ काटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है दशहरे के पर्व पर अवकाश के चलते विकासनगर तहसीलदार खुद अपनी पूरी तहसील की टीम को लेकर मौके पर पहुंचे और जहां उन्होंने दोबारा से एक बार फिर पैमाइश की जिसमें 5 मीटर भूमि सरकार की निकल कर आई और विकास नगर तहसीलदार पर जो गंभीर आरोप लग रहे थे उनका विकासनगर तहसीलदार विवेक राजौरी ने सिरे से खारिज किया और कहा कि सभी आप निर्धार लगाए जा रहे हैं उनकी इस मामले पर कोई संलिपिता कहीं से कहीं तक नहीं है उनके द्वारा एक जॉइंट इंस्पेक्शन पीडब्ल्यूडी विभाग सिंचाई विभाग और तहसील प्रशासन के द्वारा 3 अक्टूबर के दिन 11:00 बजे का समय निर्धारित कर दिया गया है जिसमें यदि सरकार की भूमि चाहे वह किसी भी विभाग की निकलती है तो इसमें सरकारी संपत्ति की चोरी का मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
आपको बता दें कि लक्ष्मीपुर ग्राम पंचायत में कुछ दिन पूर्व सड़क किनारे लिप्टिस और सिल्वर रोग के पेड़ों का भारी संख्या में कटान किया गया था जो की छूट प्रजाति में आते हैं लेकिन स्थानीय लोगों और पूर्व प्रधान के द्वारा विरोध किया गया कि जो पेड़ काटे गए हैं वह सरकारी भूमि से काटे गए हैं इसमें मिली भगत के चलते पीडब्ल्यूडी विभाग सिंचाई विभाग और समाज की भूमि पर खड़े पेड़ों को भी काट दिया गया है और उक्त लगभग एक से डेढ़ बीघा सरकारी भूमि जो की मेंन रोड के फ्रंट पर लगती है उस पर अवैध रूप से कब्जा करने की तैयारी की जा रही है जिसके चलते मामला गर्माया और तहसील विभाग की टीम आनन फानन में मौके पर पहुंची और पैमाइश कर स्वयं तहसीलदार विकासनगर विवेक राजौरी ने यह कह दिया था कि यहां कोई सरकारी भूमि नहीं है जो पेड़ काटे गए हैं वह निजी कास्त की भूमि से काटे गए हैं लेकिन साथ ही उन्होंने इस विवाद के निपट जाने से पहले लकड़ी की निकासी ना की जाए यह भी सख्त हिदायत दे दी थी। लेकिन तहसील विभाग की टीम के पैमाइश करने और तहसीलदार के बयान देने के बाद पेड़ों का कटान करने वालो को बल मिल गया और उन्होंने उसी दिन काटे गए पेड़ों की लड़कियों का सफाया कर डाला इसके बाद विकासनगर तहसीलदार और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कई गंभीर आरोप लगे जिसके चलते 1 अक्टूबर को अवकाश के दिन तहसीलदार विकासनगर के द्वारा एक जॉइंट इंस्पेक्शन के लिए लेटर जारी कर दिया गया और आज 2 अक्टूबर को दशहरे के अवकाश के दिन तहसीलदार अपनी मौके पर पूरी टीम लेकर पहुंचे और फिर दोबारा से पैमाइश शुरू कर दी जिसमें उन्हीं की टीम के द्वारा 5 मीटर भूमि सरकार की बताई गई और 3 अक्टूबर को 11:00 बजे जॉइंट इंस्पेक्शन की बात कही गई।
अब सवाल यह उठता है कि पहले जो तहसील विभाग की टीम के द्वारा पैमाइश की गई थी लकड़ी उठने से पहले उसमें सरकारी भूमि क्यों नहीं निकली जबकि अब 5 मीटर जगह इस तहसील विभाग की टीम के द्वारा सरकारी बताई गई है, दूसरा सवाल यह उठता है कि तहसीलदार महोदय के द्वारा जब सख्त हिदायत दी गई थी तो वह हिदायत किसको दी गई थी और जो पेड़ की लकडियां कटी पड़ी थी उसको किस व्यक्ति विभाग के सुपुर्दगी दी गई थी खैर वजह चाहे जो भी हो मामला पूरा संदेह के घेरे में आता है।