पौड़ी गढ़वाल,27,09,2025
पौड़ी गढ़वाल। जिले के तलसारी गांव निवासी जितेंद्र कुमार की आत्महत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए सभी पांचों आरोपियों को जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि फिलहाल उपलब्ध साक्ष्य आरोपियों की संलिप्तता को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इससे पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
तलसारी गांव निवासी जितेंद्र कुमार ने बीती 21 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में परिजनों ने पांच युवकों पर मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद मुख्य आरोपी हिमांशु चमोली सहित शुभम खंडूड़ी, गौरव कांबोज, विकास शाह और अभिषेक गैरोला को आरोपी बनाया था। घटना के बाद से ही यह मामला क्षेत्र के साथ ही पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना रहा।
बीते गुरुवार को चार आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जबकि मुख्य आरोपी हिमांशु चमोली की जमानत अर्जी पर जिला एवं सत्र न्यायालय में बहस चली। बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रेम बल्लभ पंत और मनीष रंजन रौथाण ने अदालत में दलील दी कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा आरोपियों पर एससी-एसटी एक्ट की धारा लगाई गई थी, लेकिन उसके समर्थन में भी पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके।
जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद साक्ष्यों के अभाव का हवाला देते हुए सभी आरोपियों को जमानत दे दी। अदालत के इस आदेश के बाद मुख्य आरोपी हिमांशु चमोली सहित अन्य चार आरोपी शुभम खंडूड़ी, गौरव कांबोज, विकास शाह और अभिषेक गैरोला जेल से रिहा हो जाएंगे। पौड़ी ब्लॉक के तलसारी गांव का चर्चित आत्महत्या मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। गांव निवासी जितेंद्र सिंह (32 वर्ष), पुत्र सतीश चंद्र ने बीते 21 अगस्त गुरुवार की सुबह अपने वाहन में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। आत्महत्या से पहले जितेंद्र सिंह ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था। इस वीडियो में उन्होंने रोते हुए आत्महत्या का कारण बताते हुए गंभीर आरोप लगाए थे।
उन्होंने हिमांशु चमोली नामक व्यक्ति का जिक्र करते हुए कहा था कि उसने जमीन की खरीद-फरोख्त के नाम पर उनसे 35 लाख रुपये नकद ले लिए हैं, लेकिन जमीन का सौदा तय अनुसार नहीं किया गया। जितेंद्र ने यह भी आरोप लगाया था कि पैसे लौटाने की जगह लगातार मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी, जिसके चलते वे अत्यधिक तनाव में थे और आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो गए।
वीडियो वायरल होने के बाद पौड़ी पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों और वीडियो में दर्ज बयान के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी हिमांशु चमोली सहित शुभम खंडूड़ी, गौरव कांबोज, विकास शाह और अभिषेक गैरोला को इस मामले में आरोपी बनाया। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा और मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। लगभग एक माह तक चली कानूनी कार्यवाही के बाद अदालत ने मुख्य आरोपी हिमांशु चमोली समेत सभी चार अन्य आरोपियों को जमानत दे दी है। अदालत से जमानत मिलने के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है। अब आगे इस प्रकरण की सुनवाई और पुलिस की विवेचना पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।