Hamarichoupal,25,07,2025
देहरादून( हमारी चौपाल) उत्तराखंड के देहरादून जिले की झाझरा ग्राम पंचायत में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की सरगर्मियां चरम पर हैं। ग्राम प्रधान पद के लिए इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है, जहां वर्तमान प्रधान पिंकी देवी, पूर्व प्रधान अर्जुन कुमार और नई दावेदार सुनीता देवी के बीच जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। पिंकी देवी का चुनाव चिह्न ‘आइसक्रीम’, अर्जुन कुमार का ‘अनानास’ और सुनीता देवी का ‘इमली’ ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। ग्रामीणों में यह सवाल गूंज रहा है कि जनता ‘आइसक्रीम’ को चुनेगी, ‘अनानास’ को पसंद करेगी या ‘इमली’ का स्वाद लेगी। फिलहाल, इस त्रिकोणीय मुकाबले ने झाझरा के चुनावी माहौल को रोमांचक बना दिया है।
प्रत्याशियों का परिचय और पृष्ठभूमि
झाझरा ग्राम पंचायत, देहरादून जिले की एक महत्वपूर्ण पंचायत है, जिसे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गोद लिया है। इस बार के चुनाव में वर्तमान प्रधान पिंकी देवी, जिन्हें ‘आइसक्रीम’ चिह्न आवंटित हुआ है, अपने कार्यकाल के विकास कार्यों के दम पर वोट मांग रही हैं। मार्च 2024 में उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात के दौरान अपने कार्यों की प्रगति को रेखांकित किया था। हालांकि, कुछ ग्रामीणों का मानना है कि उनके कार्यकाल में विकास की गति धीमी रही, जबकि कुछ उनकी प्रशंसा भी करते हैं।
पूर्व प्रधान अर्जुन कुमार, जिन्हें ‘अनानास’ चिह्न मिला है, अपने अनुभव और पुराने कार्यकाल के आधार पर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश में हैं। उनकी सक्रियता और ग्रामीणों के बीच पुरानी साख उनके पक्ष में जाती है।
इस बीच, पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं सुनीता देवी ने अपनी मजबूत उपस्थिति से सभी को चौंका दिया है। उन्हें ‘इमली’ चिह्न आवंटित हुआ है। हालांकि सुनीता देवी नई उम्मीदवार हैं, लेकिन उन्होंने बहुत कम समय में ग्रामीणों के बीच अपनी पैठ बना ली है। उनकी सक्रियता और जनता से जुड़ने का तरीका उन्हें एक भारी-भरकम दावेदार के रूप में उभार रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सुनीता देवी नई ऊर्जा और बदलाव का वादा लेकर आई हैं, जिसने पिंकी देवी और अर्जुन कुमार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
मतदाताओं के बीच चर्चा और चुनाव चिह्नों का रोमांच
चुनावी चिह्नों ने इस बार झाझरा के चुनाव को और रंगीन बना दिया है। पिंकी देवी की ‘आइसक्रीम’ युवाओं और बच्चों के बीच लोकप्रिय है, तो अर्जुन कुमार का ‘अनानास’ ताजगी और विश्वसनीयता का प्रतीक बन रहा है। वहीं, सुनीता देवी की ‘इमली’ ने भी ग्रामीणों का ध्यान खींचा है, जो इसे नयापन और जोश से जोड़कर देख रहे हैं। स्थानीय निवासी रमेश सिंह ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “पिंकी जी की आइसक्रीम ठंडी और मीठी है, अर्जुन जी का अनानास ताजा है, लेकिन सुनीता जी की इमली में वो खट्टापन है जो गांव को नई दिशा दे सकता है।”
शांति देवी ने कहा, “सुनीता देवी नई हैं, लेकिन उनकी बातों में दम है। पिंकी जी और अर्जुन जी को कड़ी टक्कर दे रही हैं। अब जनता को चुनना है कि कौन सा स्वाद पसंद आएगा।” कुछ ग्रामीणों का मानना है कि पिंकी देवी ने कोशिश तो की, लेकिन कई क्षेत्रों में काम अधूरा रहा। अर्जुन कुमार का अनुभव उनके पक्ष में है, जबकि सुनीता देवी की ताजगी और जोश मतदाताओं को आकर्षित कर रहा है।
चुनाव की तैयारियां और मुद्दे
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जुलाई 2025 में होने की संभावना है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 17 जनवरी 2025 को कर दिया था, और वोटर लिस्ट में संशोधन का काम जारी है। पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन के बाद ओबीसी आरक्षण का निर्धारण भी हो चुका है, जिसके तहत आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
झाझरा में सड़क, पानी, बिजली, और रोजगार जैसे मुद्दे हमेशा से मतदाताओं के लिए अहम रहे हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) के तहत लाभार्थियों को दी गई सहायता भी चर्चा में है। सुनीता देवी ने इन मुद्दों पर ठोस काम करने का वादा किया है, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
चुनौतियां और संभावनाएं
इस बार का चुनाव कई मायनों में अनोखा है। पिंकी देवी अपने कार्यकाल के आधार पर जनता का समर्थन मांग रही हैं, जबकि अर्जुन कुमार अपने अनुभव और पुराने कार्यों को आधार बनाकर मैदान में हैं। सुनीता देवी की एंट्री ने मुकाबले को त्रिकोणीय और रोमांचक बना दिया है। उनकी नई ऊर्जा और ग्रामीणों के बीच तेजी से बनी साख ने पिंकी देवी और अर्जुन कुमार के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। ‘आइसक्रीम’, ‘अनानास’ और ‘इमली’ जैसे चुनाव चिह्नों ने न केवल मतदाताओं का ध्यान खींचा है, बल्कि माहौल को हल्का-फुल्का और उत्साहपूर्ण भी बनाया है।
चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग होगा, और निर्वाचन व्यय पर नजर रखी जा रही है।
झाझरा ग्राम पंचायत का यह चुनाव न केवल स्थानीय नेतृत्व को चुनेगा, बल्कि क्षेत्र के विकास की दिशा भी तय करेगा। पिंकी देवी की ‘आइसक्रीम’, अर्जुन कुमार का ‘अनानास’ और सुनीता देवी की ‘इमली’ इस बार मतदाताओं के बीच रोमांच का विषय बने हुए हैं। सुनीता देवी की नई ऊर्जा, पिंकी देवी का वर्तमान कार्यकाल और अर्जुन कुमार का अनुभव इस त्रिकोणीय जंग को और रोमांचक बना रहे हैं। अब देखना यह है कि जनता किसे चुनेगी और अगले पांच साल तक झाझरा का नेतृत्व कौन संभालेगा। मतदाताओं से अपील है कि वे अपने मत का उपयोग सोच-समझकर करें, ताकि उनकी पंचायत का भविष्य सशक्त और समृद्ध हो।