Hamarichoupal,14,07,2025
देहरादून, 14 जुलाई(हमारी चौपाल)सावन मास के पहले सोमवार के पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने विधि-विधान के साथ शिवलिंग का गंगाजल और बेलपत्र से अभिषेक किया और प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। यह पूजा उत्तराखंड के विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों के बीच उत्साह और श्रद्धा के माहौल में संपन्न हुई।
सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, और इस माह के सोमवार भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष महत्व रखते हैं। इस वर्ष सावन मास 11 जुलाई से शुरू हुआ और 9 अगस्त को समाप्त होगा, जिसमें कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं। पहला सोमवार, जो 14 जुलाई को था, उत्तराखंड में भक्ति और आस्था का केंद्र रहा। मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हुए पूजा में हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री की पूजा और कांवड़ यात्रा के लिए निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने पूजा के दौरान भगवान शिव से उत्तराखंड के विकास, समृद्धि और सभी नागरिकों के कल्याण की कामना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रदेशवासियों को सावन के पहले सोमवार की शुभकामनाएं दीं और कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है। मैंने आज देवाधिदेव महादेव से प्रदेश की उन्नति और सभी के सुख-शांति की प्रार्थना की है।”
पूजा विधि और भक्ति का उत्साह
मुख्यमंत्री ने पूजा के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद उन्होंने स्वच्छ वस्त्र धारण किए और शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, और पंचामृत से अभिषेक किया। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, और सफेद फूल अर्पित किए गए। पूजा के अंत में ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नमः’ मंत्रों का जाप किया गया, जो धन, समृद्धि और ऋण मुक्ति के लिए विशेष रूप से प्रभावशाली माने जाते हैं।
उत्तराखंड में भक्ति का माहौल
सावन के पहले सोमवार को उत्तराखंड के विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। हरिद्वार, ऋषिकेश, और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों पर कांवड़ियों और श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की। मंदिरों के बाहर मेले जैसे दृश्य देखने को मिले, जहां पूजा सामग्री, फूल, और प्रसाद की दुकानें सजी थीं। इस अवसर पर भक्ति गीतों और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से वातावरण शिवमय हो गया।
सावन के पहले सोमवार का यह पावन अवसर उत्तराखंड में भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया। मुख्यमंत्री धामी की भागीदारी ने इस दिन को और भी विशेष बना दिया, जिससे प्रदेशवासियों में आध्यात्मिक उत्साह और बढ़ गया।