देहरादून, 8 जुलाई 2025 , हमारी चौपाल ब्यूरो
उत्तराखण्ड राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन–2025 की नामांकन प्रक्रिया 5 जुलाई को शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गई। चुनावी प्रक्रिया में जनभागीदारी और पारदर्शिता के साथ-साथ, महिलाओं की अभूतपूर्व हिस्सेदारी और प्रशासन की कड़ी निगरानी इस बार के पंचायत चुनावों की प्रमुख विशेषताएं रहीं।
महिलाओं की भागीदारी: नया इतिहास रचा
राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पंचायतों के विभिन्न पदों के लिए कुल 63,569 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। इनमें 37,356 महिलाएं थीं , यानी कुल नामांकनों का लगभग 59 प्रतिशत! यह आंकड़ा राज्य की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रमाण है।
पदवार नामांकन विवरण:
1. जिला पंचायत सदस्य (358 पद) – कुल 1,885 उम्मीदवार, जिनमें 931 महिलाएं
2. क्षेत्र पंचायत सदस्य (2974 पद) – कुल 11,478 उम्मीदवार, जिनमें 6221 महिलाएं
3. प्रधान ग्राम पंचायत (7499 पद) – कुल 21,912 उम्मीदवार, जिनमें 12,510 महिलाएं
4. सदस्य ग्राम पंचायत (55,587 पद) – कुल 28,294 महिलाएं
इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग वर्ग से भी हजारों उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। यह समावेशिता राज्य के लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाती है।
चुनाव में पारदर्शिता के लिए सख्त निगरानी — भारी मात्रा में शराब, नकदी और मादक पदार्थ जब्त
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस और आबकारी विभाग ने सक्रिय निगरानी और कार्रवाई की।
07 जुलाई 2025 को जब्ती की बड़ी कार्रवाई:
पुलिस द्वारा:
333.995 लीटर शराब जब्त (अनुमानित लागत ₹1,45,649)
0.0095 किलोग्राम मादक पदार्थ (अनुमानित लागत ₹2,85,690)
0.3915 किग्रा कीमती धातु (अनुमानित मूल्य ₹2,51,000)
₹42,210 नकदी जब्त
आबकारी विभाग द्वारा:
781.97 लीटर शराब जब्त (अनुमानित लागत ₹2,58,370.80)
अब तक की कुल जब्ती का आंकड़ा चौंकाने वाला:
कुल 4446.77 लीटर शराब जब्त (अनुमानित लागत ₹21,83,172)
कुल 3.42649 किग्रा मादक पदार्थ (अनुमानित मूल्य ₹56,12,300)
कुल नकदी, शराब, मादक पदार्थ और कीमती धातुओं की संयुक्त जब्ती मूल्य:
₹1,17,76,917 (एक करोड़ सत्रह लाख छिहत्तर हजार नौ सौ सत्रह रुपये)
राज्य निर्वाचन आयोग ने दी स्वच्छ चुनाव की प्रतिबद्धता
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने कहा कि जनभागीदारी, पारदर्शिता और स्वतंत्र चुनाव आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयोग ने सुरक्षा, आचार संहिता की निगरानी, और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि “इस बार की नामांकन प्रक्रिया में जन उत्साह और महिला भागीदारी ने राज्य की पंचायत राजनीति को नई दिशा दी है। आने वाले चरणों में निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को और सशक्त बनाया जाएगा।”
‘हमारी चौपाल’ मानती है कि लोकतंत्र की जड़ें गाँव से शुरू होती हैं। महिलाओं की भागीदारी और अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई, दोनों ही इस दिशा में बड़े और सकारात्मक संकेत हैं।