Anurag Gupta
देहरादून, 19 फरवरी 2025 – उत्तराखंड सरकार के त्वरित न्याय और जनकल्याण के संकल्प को मजबूती देते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रशासनिक शक्तियों का उपयोग कर 97 वर्षीय वृद्ध महिला लीला देवी और उनकी 80 वर्षीय पुत्री नीना गुरुंग को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया।
डीएम बंसल की संवेदनशीलता और न्यायप्रियता का यह एक ऐतिहासिक उदाहरण है, जिसमें 25 वर्षों से अपनी ही जमीन के लिए दर-दर भटक रही वृद्ध महिला को केवल दो माह के भीतर न्याय दिलाया गया। प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए रायपुर क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित गैस गोदाम को सील कराकर महिला को उनकी संपत्ति सौंपी।
डीएम के सख्त रुख से हुआ न्याय
यह मामला डीएम बंसल के जनता दर्शन कार्यक्रम में सामने आया था, जहां लीला देवी ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। मामला संज्ञान में आते ही डीएम ने तत्काल जांच के आदेश दिए और पाया कि लीज खत्म होने के बावजूद गैस गोदाम अवैध रूप से संचालित हो रहा था।
डीएम ने न केवल तत्काल कार्रवाई की, बल्कि संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलबी भी की कि इतने वर्षों तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि भूमाफिया और अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।
डीएम की टीम का प्रभावी एक्शन
डीएम बंसल के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने जनवरी में ही गैस गोदाम को सील कर दिया और 19 फरवरी को महिला को उनकी जमीन पर कब्जा दिलाया गया। यह जिला प्रशासन द्वारा पारदर्शी और प्रभावी कार्यशैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।
बुजुर्ग महिला की भावनात्मक प्रतिक्रिया
भूमि पर अधिकार मिलने के बाद लीला देवी की आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा, “25 वर्षों तक मैं न्याय के लिए भटकती रही, लेकिन डीएम सविन बंसल ने दो महीनों में मेरी पुश्तैनी जमीन वापस दिला दी। मैं तहेदिल से उनका धन्यवाद करती हूं।”
इस ऐतिहासिक फैसले से न केवल एक वृद्ध महिला को न्याय मिला, बल्कि जनता में सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास भी मजबूत हुआ है। डीएम बंसल की इस न्यायपूर्ण कार्रवाई को जनमानस में प्रशासनिक दक्षता और जनहितैषी फैसलों के रूप में देखा जा रहा है।