Hamarichoupal,27,07,2025
हरिद्वार( हमारी चौपाल) उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसके परिणामस्वरूप 7 श्रद्धालुओं की दुखद मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह हादसा मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर उस समय हुआ, जब दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु जमा थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब 9:30 बजे मंदिर परिसर में भीड़ का दबाव अचानक बढ़ गया। संकरे रास्ते और भारी भीड़ के कारण कुछ लोग फिसलकर गिर गए, जिसके बाद अन्य श्रद्धालु उनके ऊपर चढ़ते चले गए। इस अफरा-तफरी में कई लोग कुचल गए, जिससे यह दुखद हादसा हुआ। मंदिर के संकरे रास्ते को भीड़ प्रबंधन के लिए अपर्याप्त माना जा रहा है, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
घटना की सूचना मिलते ही हरिद्वार पुलिस और प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी जीडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस के अनुसार, स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन हादसे के बाद मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 7 लोगों की मृत्यु हुई है। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा है और भीड़ से संयम बरतने की अपील की जा रही है।” हरिद्वार के एसएसपी और जिलाधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है और मंदिर परिसर के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि भीड़ प्रबंधन में कहां चूक हुई। कुछ सूत्रों ने दावा किया है कि बिजली का तार टूटने की अफवाह के कारण भी भगदड़ की स्थिति बनी, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार में शिवालिक पर्वत श्रृंखला के बिल्वा पहाड़ पर स्थित है और यह मां मनसा देवी को समर्पित एक प्रमुख शक्तिपीठ है। यहां रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, विशेषकर सावन के महीने में भीड़ और बढ़ जाती है। इस हादसे ने मंदिर में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर परिसर में शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें। हादसे की विस्तृत जांच के लिए एक समिति गठित की जा सकती है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।