केदारनाथ यात्रा में फिर बड़ा हादसा: हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत छह श्रद्धालुओं की मौत, हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल
गुप्तकाशी/गौरीकुंड, 15 जून 2025 | हमारी चौपाल विशेष रिपोर्ट
श्रद्धा की राह पर एक बार फिर मातम छा गया। उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम की तीर्थयात्रा के दौरान रविवार सुबह एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें पायलट समेत छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच हुआ, जब आर्यन एविएशन कंपनी का एक हेलीकॉप्टर तीर्थयात्रियों को लेकर केदारनाथ धाम की ओर जा रहा था।
हवा में टूटी उम्मीदें, ज़मीन पर मातम
सूत्रों के अनुसार यह हेलीकॉप्टर देहरादून से उड़ा था और गौरीकुंड के पास उसका संपर्क अचानक टूट गया। कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटना की सूचना आई। राहत और बचाव टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं, लेकिन हेलीकॉप्टर पूरी तरह जल चुका था। शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में मिले, जिनकी पहचान की प्रक्रिया चल रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने हक एक्स हैंडल पर लिखा कि
“जनपद रुद्रप्रयाग में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन एवं अन्य रेस्क्यू दल राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं।
बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूँ।”
मौसम या मशीन? कौन ज़िम्मेदार?
हादसे की प्राथमिक वजह खराब मौसम को माना जा रहा है, लेकिन तकनीकी खामी की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता। पहाड़ी मौसम की अनिश्चितता और एविएशन कंपनियों की सतर्कता में कमी, दोनों मिलकर बार-बार चारधाम यात्रा को दुर्घटनाओं के साये में धकेल रहे हैं।
एक और काली सुबह: श्रद्धालुओं की यात्रा अधूरी रह गई
हेलीकॉप्टर में सवार श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन को निकले थे, लेकिन नियति ने उन्हें बीच रास्ते ही रोक दिया। परिवारों के लिए यह सूचना एक वज्रपात की तरह है। कोई बेटे को खो बैठा, कोई मां को, किसी ने जीवनसाथी खोया — और राज्य एक बार फिर ‘यात्रा प्रबंधन’ पर गहरे सवालों में घिर गया।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
यह कोई पहली दुर्घटना नहीं है। 2022 में भी केदारनाथ रूट पर एक हेलीकॉप्टर हादसे में सात लोगों की जान गई थी। इस साल की चारधाम यात्रा के दौरान कई बार हेलीकॉप्टरों को आपात लैंडिंग करानी पड़ी है। कुछ यात्रियों को बीच रास्ते वापस लौटाया गया, तो कुछ को बर्फबारी के बीच घंटों हेलीपैड पर इंतजार करना पड़ा।
श्रद्धा की उड़ान कब तक रहेगी खतरे में?
चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं आवश्यक हैं, विशेषकर बुज़ुर्गों और बीमारों के लिए। लेकिन जिस रफ्तार से ये सेवाएं हादसों में तब्दील हो रही हैं, उससे इन पर जनता का भरोसा डगमगाने लगा है।
अब सवाल सीधा है – श्रद्धालुओं की ज़िंदगी की कीमत कौन तय करेगा?
> चारधाम यात्रा न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि उत्तराखंड की आत्मा है। लेकिन जब श्रद्धालुओं की सुरक्षा से जुड़ी मूलभूत व्यवस्थाएँ ही चरमरा जाएँ, तो यह केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, आस्था के साथ विश्वासघात है।
प्रतीकात्मक फोटो