देहरादून(आरएनएस)। मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के साथ ही ध्वस्तीकरण के नोटिस वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को कांग्रेस और उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद कार्यकर्ताओं ने नगर निगम कूच किया। राजपुर रोड कांग्रेस भवन से शुरू हुए कूच में बड़ी संख्या में प्रभावित बस्तियों के लोग भी शामिल हुए। रैली की अगुवाई कर रहे सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हम 30 दिन का समय दे रहे हैं, बस्तियों का स्थायी समाधान नहीं निकला तो राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। कांग्रेस भवन से 11 बजे शुरू हुई रैली घंटाघर से दर्शनलाल चौक से नगर पालिका तक पहुंची। यहां लोगों ने सरकार और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। यहां हुई सभा में उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो मलिन बस्ती के लोगों से मालिकाना हक का जो वायदा कांग्रेस ने किया था। उसके मुताबिक मालिकाना हक देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बाकायदा एक समिति बनाई। समिति की रिपोर्ट पर मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के लिए नियम कानून बनाए। लोगों को मालिकाना हक दिए जाने लगे थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार गिर गई। भाजपा सत्ता में आई और पूरी प्रक्रिया को रोक दिया गया। कांग्रेस ने विरोध किया तो भाजपा अध्यादेश ले आई। अब बस्तियों को तोड़ने के लिए फिर से नोटिस भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक सिर्फ देहरादून में लोग जुटे हैं, सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो पूरे राज्य में आंदोलन होगा। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे। महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला थापा ने कहा कि एक बड़ी आबादी बस्तियों में रहती है, उनको इस तरह बेघर नहीं कर सकते। प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्ण सिंह रावत ने कहा की बस्ती के लोगों को उनका हक मिलना चाहिए। इस मौके पर अपर नगर आयुक्त वीर सिंह बुधियाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
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