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क्या प्रदूषण में कपालभाति जैसे प्राणायाम करने चाहिए?

आज के समय में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है. बढ़ते प्रदूषण के चलते कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है. ऐसे में, प्रदूषित हवा में बाहर व्यायाम या दौडऩा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. प्रदूषित हवा में व्यायाम करते समय हम ज्यादा सांस लेते हैं, जिससे हमारे फेफड़ों में ज्यादा प्रदूषित हवा पहुंचते हैं. इससे सांस की तकलीफ, खांसी, सीने में जकडऩ जैसी समस्याएं और अधिक बढ़ जाती है. प्रदूषण से बचने के लिए रोजाना कपालभाति जैसे प्राणायाम करना बहुत जरूरी है. लेकिन इस समय आपको घर के अंदर ही योग या प्राणायाम करना चाहिए. जोकि हमारे फेफड़ों और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करेगा.
जानें कपालभाति प्राणायाम कैसे करते हैं?
कपालभाति एक बहुत ही लाभदायक प्राणायाम है. इसे करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं और दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बना लें. फिर गहरी सांस अन्दर की ओर लेते हुए झटके से सांस बाहर छोड़ें और पेट को अन्दर की ओर खींचें. अगर आप शुरुआत कर रहे हैं तो 5-10 मिनट तक ही अभ्यास करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाते जाएं.
जानें कपालभाति प्राणायाम के फायदे
*आजकल बढ़ते प्रदूषण की वजह से सांस संबंधी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में, प्रदूषण से राहत पाने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए कपालभाति जैसे प्राणायाम बहुत फायदेमंद हो सकते हैं. कपालभाति श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है और ऑक्सीजन के स्तर को बेहतर बनाता है. इसको रोजाना करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और प्रदूषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है.
*यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और अन्य अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने में भी मदद करता है. कपालभाति के दौरान गहरी सांस लेने और बाहर छोडऩे से फेफड़ों का व्यायाम होता है, जिससे उनकी सफाई में सुधार होता है. इस प्रकार, कपालभाति शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद कर सकता है और स्वस्थ बनाए रखने में उपयोगी है.
*कपालभाति एक ऐसा प्राणायाम है जिसके नियमित अभ्यास से मानसिक और भावनात्मक लाभ भी प्राप्त होते हैं. इसका अभ्यास करने से चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. कपालभाति के दौरान हम धीमी और गहरी सांस लेते हैं, जो हमारे शरीर और दिमाग को शांत और आरामदायक अनुभव देता है. यह ध्यान की स्थिति लाता है और हमारे मन को शांति देता है. इस प्रकार, कपालभाति के नियमित अभ्यास से चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से राहत मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है.

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