देहरादून,HamariChoupal,26,09,2022
अंकिता भंडारी हत्याकांड में कांग्रेस ने सरकार पर सफेदपोश अपराधियों को बचाने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल और द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेस सरकार पर संगीन आरोप लगाए। साथ ही सरकार से रिसोर्ट में आने वाले उस वीआईपी का नाम भी सार्वजनिक करने की मांग की जिसका उल्लेख अंकिता की वाट्सअप चेट में आया है। इसके लिए कांग्रेस ने सरकार को 24 घंटे का वक्त दिया है। दोपहर राजीव भवन में तीनों नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से ही अंकिता हत्याकांड में असली दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। अंकिता के हत्यारोपियों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस की भूमिका पहले दिन से ही शक के दायरे में है। उन्हें पुलिस रिमांड में न लेकर न्यायिक अभिरक्षा में भेजने से यह साबित भी हो रहा है। माहरा, गोदियाल और बिष्ट ने कहा कि क्या बात है कि पुलिस के बड़े अधिकारी की फोटो यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाले के मास्टर माइंड हाकम सिंह के साथ भी दिखाई देती हैं। और जब अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित का पिता मिलने आता तो वो अफसर कुर्सी से उठकर उन्हे सलाम करता है और फोटो खिंचवाता है। जब विभाग का बड़ा अफसर ही अपराधियों के प्रति इतना विनम्र है तो भला निचला पुलिस कर्मी कैसे सच को आगे रखेगा? उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस सरकार और आरएसएस की कठपुतली बनकर काम कर रही है। इससे सच सामने आने की उम्मीद कम ही है। इसलिए अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच होना जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के रिसोर्ट भाजपा और संघ नेताओं के अनैतिक कामों के अड्डे बन चुके हैं। सरकार उस रिसोर्ट में आने वाले लोगों का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करे कि आखिरकार वहां कौन आ रहा था और कौन कौन लोग आया करते थे? कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठेगी। यह केवल एक अंकिता नहीं बल्कि प्रदेश की लाखों बेटियों की सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने सभी समान विचारधारा वाले दलों से भी इस मुद़दे पर एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया।
माहरा और गोदियाल ने कहा कि बात बात पर कैंडिल मार्च, धरने-प्रदर्शन करने वाले भाजपा के नेता अब खामोश क्यों हैं? भाजपा के मंत्रियों के मुंह से बोल नहीं फूट रहे हैं। भाजपा के नेता विदेश से लाए चीतों के नामकरण के लिए नाम तो पूछ रहे हैँ, लेकिन अंकिता को श्रद्धांजलि देने को एक ट्वीट तक उनसे नहीं हो पा रहा है।