Friday , November 1 2024

कांग्रेस नहीं बनने देगी विपक्षी एकता

न्यूज {आर एन एस},21,09,2022

 

 

अभी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के 12 दिन हुए हैं और यात्रा उन दो राज्यों से गुजरी है, जहां कांग्रेस की स्थिति अपेक्षाकृत मजबूत है तभी पार्टी के नेता विपक्षी दलों को नसीहत देने लगे और समझाने लगे कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता नहीं बन पाएगी। यह कोई ऐसी बात नहीं है, जो विपक्षी पार्टियां नहीं जानती हैं। सबको पता है कि विपक्षी एकता में कांग्रेस की अहम भूमिका है। लेकिन विपक्ष से लडऩे के अंदाज में यह बात कहने की जरूरत नहीं है। विपक्षी पार्टियों के अनेक नेता अब भी कांग्रेस के प्रति सद्भाव दिखा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं से मिल रहे हैं। उनसे बातचीत करके विपक्षी एकता को एक स्वरूप देने की बजाय कांग्रेस धौंस दिखाने वाले अंदाज में बयान जारी कर रही है।

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाते हुए ‘जो समझते हैं कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता संभव है वे मूर्खों के स्वर्ग में रहते हैं’। मूर्खों के स्वर्ग का एक जुमला है, जो आमतौर पर बोला जाता है लेकिन इसका इस्तेमाल अपने लोगों के लिए नहीं किया जाता है। रमेश ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन माना गया कि उन्होंने नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव जैसे ऐसे नेताओं को निशाना बनाया है, जो विपक्षी एकजुटता के लिए प्रयास कर रहे हैं। इन तीन नेताओं के अलावा कई और विपक्षी नेता प्रयास कर रहे हैं। अखिलेश यादव अपना प्रयास कर रहे हैं तो अरविंद केजरीवाल अपना प्रयास कर रहे हैं।

जयराम रमेश के बयान देने से ये नेता कांग्रेस को साथ नहीं ले लेंगे। कांग्रेस को अपनी ताकत बढ़ानी होगी। अफसोस की बात है कि ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस की ताकत ऐसे विपक्षी दल ही हैं, जिनके साथ कांग्रेस ने तालमेल किया है या सरकार बनाई थी या अभी सरकार में शामिल है। पुरानी कहावत है कि एक पैर जमीन पर रखने से पहले दूसरा पैर नहीं उठाना चाहिए। अभी कांग्रेस पार्टी को भाजपा से लडऩा है, जिसने कांग्रेस को समाप्त करने का संकल्प किया। वह हर जगह कांग्रेस को तोड़ रही है। अगर कांग्रेस झारखंड की सत्ता में नहीं होती तो अब तक कब की टूट चुकी होती। इसलिए भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस को खुद भी प्रादेशिक पार्टियों की मदद की जरूरत है।

बड़ी पार्टी के नाते कांग्रेस को पहल करके विपक्षी पार्टियों से संपर्क करना चाहिए और उनसे संवाद बनाना चाहिए। पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और नीतीश कुमार भी जल्दी ही सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं। उस समय वह बात हो सकती थी, जो रमेश ने भारत जोड़ो यात्रा के बीच कही है। अगर रमेश को लग रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा विपक्ष को ताकत दिखाने के लिए है या विपक्ष को दबाने के लिए है तो वे मूर्खों के स्वर्ग में रहते हैं। किसी विपक्षी पार्टी को कांग्रेस की जरूरत नहीं है और कांग्रेस को सबकी जरूरत है। अगर ऐसे ही फालतू बयानबाजी होती रही तो कांग्रेस और अलग थलग होगी।

About admin

Check Also

राज्य के स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति के लिए उत्तराखण्ड सरकार और आईटीबीपी के बीच हुआ एमओयू

देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी और पशुपालन मंत्री  सौरभ बहुगुणा की उपस्थिति में बुधवार को …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *