विकासनगर, Hamarichoupal,03,08,2022
चाय बागान उदियाबाग और गुडरिच की जमीन का भू उपयोग बदलकर श्रमिकों को बेरोजगार किए जाने समेत न्यूनतम वेतन नहीं दिए जाने की मांग को लेकर श्रमिकों में आक्रोश है। बुधवार को श्रमिकों ने चाय बागान प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश रैली निकालने के बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है। आक्रोश रैली में शामिल चाय बागान श्रमिकों ने बताया कि वे वर्ष 1836 से पीढ़ी दर पीढ़ी चाय बागान में काम कर रहे हैं। आठ सौ एकड़ में फैला चाय बाग पछुवादून का सबसे बड़ा उद्योग है, जिसमें तीन सौ से अधिक श्रमिक काम करते हैं। ब्रिटिश काल से ही उदियाबाग और गुडरिच में निवास करने के बावजूद श्रमिकों को मालिकाना हक नहीं दिया जा रहा है। अब चाय बागान प्रबंधन साजिश के तहत इसे खुर्द बुर्द करने में लगा लगा हुआ है। बागान का रखरखाव टी प्लांटेशन ऐक्ट के तहत नहीं किए जाने कारण यहां दिन प्रतिदिन उत्पादन घटता जा रहा है। बाग में जंगली घास, झाड़ियां बड़ी मात्रा में उग गई हैं, जिससे बाग में काम करना मुश्किल हो गया है। बागान प्रबंधन इसे उजाड़ कर चाय बाग की भूमि पर गेहूं, मक्का, लेमनग्रास का उत्पादन करने लगा है, जबकि नियम के अनुसार चाय बाग की भूमि उपयोग बदला नहीं जा सकता है। भूमि उपयोग बदले जाने से श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है। इसके साथ ही बाग में काम करने वाले श्रमिकों को श्रम कानूनों के अनुरूप न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। बताया कि इन दिनों चाय बागान में कोई कार्य श्रमिकों से नहीं कराया जा रहा है, जिससे उनके सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है। श्रमिकों ने एसडीएम से उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। रैली में चाय बागान श्रमिक संघ के सचिव देवानंद पटेल, इंद्रेश, प्रदीप, महेश कुमार, प्रियंका, आरती, रेखा, शुभम, रमेश चंद्र, विक्की, सुरेखा, यशपाल आदि शामिल रहे।