देहरादून,15,06,2022
युवती पर दबाव बनाकर अपने साथ ले जाने और फिर दो अन्य दोस्तों को बुलाकर गैंगरेप करने के तीन दोषियों को न्यायालय में बीस-बीस साल की सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अश्विनी गौड़ की अदालत ने दोषियों पर कुल 1.30 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह सारी रकम पीड़िता को प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि घटना 2017 की है। लड़की के पिता ने 23 नवंबर को पटेलनगर थाने में केस दर्ज कराया। कहा कि उनकी करीब 19 साल की लड़की 22 नवंबर को घर से लापता हो गई। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। 30 नवंबर 2017 को लड़की को पुलिस ने पिरानकलियर से तैयब (20) निवासी अमरोहा के कब्जे से बरामद किया। पीड़िता से दून लाकर पूछताछ की गई। इस दौरान पता लगा कि तैयब पीड़िता के रिश्तेदार की दुकान पर शीशा कटिंग का काम करता था। वहां पीड़िता का रिश्ते का भाई काम करता। उसके साथ तैयब पीड़िता के घर आता जाता था। उसने पीड़िता को फोन पर बात करने का दबाव बनाया। धमकी दी कि ऐसा नहीं करने पर वह उसके घर वालों मरवा देगा। 22 नवंबर को उसने पीड़िता को घर से दूर बुलाया। वहां पीड़िता की पिटाई की। इसके बाद फोन छीना और अपनी बाइक पर बैठाकर पिरान कलियर स्थित होटल में लेकर पहुंचा।
वहां तैयब के अलावा उसके साथी मुस्तकीम (30) और अल्ताफ (31) पहुंचे। तीनों ने तीन दिन तक पीड़िता से होटल में गैंगरेप किया। इसके बाद पिरानकलियर में ही एक मकान में लेकर पहुंचे। वहां भी गैंगरेप किया। पीड़िता ने बयान में आपबीती बताई। पुलिस ने नियत समय पर चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ तो अभियोजन ने नौ गवाह पेश किए। मेडिकल साक्ष्य और पीड़िता के गवाह भी अहम रहे। जिस पर कोर्ट में तीनों दोषियों को गैंगरेप में बीस-बीस साल की सजा सुनाई और 40-40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। तैयब को दून से ले जाने के दोष में पांच साल सजा के साथ दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। दोषियों में मुस्तकीम टेलर का काम करता है। तीसरा दोषी मजदूरी करता था।