देहरादून,HamariChoupal
उत्तराखंड के आईटीआई, पॉलीटेक्नीक, इंजीनियरिंग के छात्रों की दक्षता पूरे विश्व में उत्तराखंड का झंडा गाढ़ सकती है। लेकिन यह मुमकिन कैसे हो पाएगा ? हमारे नेताओं को तो बुनियादी सवालों के बजाए अपने समर्थकों को जन्मदिन की शुभकामनाएं और शोक संदेश वाले संदेश पोस्ट करने से फुर्सत नहीं है।
यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे आनंद रावत ने शनिवार को सोशल मीडिया पर यह सवाल उठाया। आनंद ने प्रमुख नेताओं के साथ ही अपने पिता पर भी निशाना साधा है। बकौल आनंद, मेरे पिताजी भी मेरे चिन्तन व विचारों से परेशान रहते हैं। शायद उन्होंने हमेशा मेरी बातें एक नेता की दृष्टि से सुनी और मुझे येड़ा समझा।
आनंद ने लिखा कि राज्य में सबसे ज्यादा आईटीआई, पॉलीटेक्निक खोले गए हैं। हर साल 20 हजार तकनीकी रूप से दक्ष युवा तैयार हो रहे हैं। लेकिन राज्य के युवाओं को उनकी क्षमता के अनुसार वेतन नहीं मिलता। सिडकुल में 10 से 12 हजार रुपये तक ही वेतन मिलता है। जबकि केरल में यह दोगुने के करीब है। विदेशों में जाकर युवा लाखों रुपये कमाते हैं।
दूसरे प्रदेशों में सरकारें तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं पर ध्यान देती हैं। पर हमारे यहां ऐसा नहीं है। अपने पिता के साथ ही राज्य के कई नेताओं के नाम लिखते हुए आनंद ने कहा कि इनकी फेसबुक पोस्ट पर राज्य के चिंतन पर कभी कुछ नहीं मिलता। मालूम हो कि आनंद पिछले काफी समय से युवाओं को सेना में भर्ती की तैयारी करवा रहे हैं। युवाओं के रोजगार को लेकर अपनी चिंता वो अक्सर जाहिर करते रहे हैं।
रावत बोले, मैँ भी वक्त का मारा हुआ
पूर्व सीएम हरीश रावत रावत ने भी अपने बेटे की पोस्ट को शेयर किया। साथ ही लिखा कि, बेटा तुम्हारा पिता भी वक्त का मारा हुआ है। प्रदेशत के प्रतिष्ठित सियासी खानदान की दो पीढ़ियों के बीच यह टीकाटिप्प्णी पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है।