देहरादून,Hamari Choupal,22,04,2022
कोरोनाकाल में प्रदेशभर में रखे गए 2200 से ज्यादा कर्मचारियों को हटाए जाने के विरोध और सेवा विस्तार की मांग को लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन तेज कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने सचिवालय कूच किया। कर्मचारी पीपीई किट पहनकर कूच में शामिल हुए। सचिवालय पर उन्हें रोकने के लिए बैरिकेटिंग लगा दी गई। कर्मचारी देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, ऋषिकेश, टिहरी समेत कई जिलों से यहां पहुंचे। उनमें स्वास्थ्य मंत्री को लेकर आक्रोश दिखाई दिया। सरकार ने उन्हें समायोजन का आश्वासन दिया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा रहा है। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने ज्ञापन लिया और उनकी मांग मंत्री और सचिव तक पहुंचाने की बात कही। आंदोलित युवाओं ने दो दिन में सामाधान नहीं होने पर सीएम आवास कूच की चेतावनी दी।
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार एवं प्रबंधन की उदासीनता के चलते उन्हें अब उग्र आंदोलन को मजबूर होना पड़ रहा है। हटाए कर्मचारी लंबे समय से अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे हैं, वह बीमार पड़ने लगे हैं। उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। आईसीयू ऑपरेशन थिएटर और वार्डों की स्थिति बदहाल है। घंटो तक मरीज को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
दून अस्पताल में व्यवस्थाएं ठप, मरीज बेहाल
दून अस्पताल में कर्मचारियों की कमी से मरीजों एवं उनके तीमारदारों पर आफत टूटी है। आईसीयू एवं वार्डों में जहां तमाम दिक्कतें हैं, वहीं अब अन्य काउंटरों पर भी दिक्कतें होने लगी हैं। पुरानी बिल्डिंग में बिलिंग काउंटर पर महज एक कर्मचारी नीतू बैठी है। लंबी लाइन यहां पर लगी है। एक तीमारदार अश्विन ने बताया कि डेढ़ घंटा हो गया है, तब जाकर उनका नंबर आया। ब्लड सैंपल तब जाएगा जब वह बिल ले जाएंगे। ऐसे ही कई मरीजों के तीमरादार यहां पर खड़े हैं और अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश है।
इमरजेंसी में स्टाफ को ढ़ूंढते रहे
इमरजेंसी में स्टाफ की भारी कमी है। वार्ड ब्वॉय ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। तीमारदारों को ही मरीज का वह काम करना पड़ रहा है जो वार्ड ब्वॉय करता है। इमरजेंसी में मरीज के आने के बाद उसे 15-15 मिनट तक स्टाफ को देखने के लिए परिजन इधर उधर दौड़ लगा रहे हैं।
वार्डों में मरीजों को इलाज में दिक्कत
आईसीयू ऑपरेशन थिएटर और वार्डों की स्थिति बदहाल है। घंटो तक मरीज को इलाज नहीं मिल पा रहा है। ट्रामा, अपर आयुष्मान, लोअर आईसीयू, मेडिसन, ईएनटी, आई, साइकेट्री, सर्जरी, ऑर्थो आदि विभागों में समस्याएं उठान पड़ रही है। यहां पर सिस्टर इंचार्ज के अलावा एक एक स्टाफ से काम चलाना पड़ रहा है। कई वार्डों को बंद कर दिया गया है।
दवा में डेढ़ घंटे, जांच 12बजे बंद
की कमी से दवा लेने वाले लोगों को डेढ़ घंटा लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है । ऑपरेशन थिएटर में सर्जनों को रूटीन ऑपरेशन टालने पड़ रहे हैं। वही खून की जांच के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। 12 बजे खून की जांच बंद कर दी जाती है।