देहरादून(आरएनएस)। बदरीनाथ-केदारनाथ समेत चारों धामों में दर्शन करने को देश के कई राज्यों से तीर्थ यात्री दर्शन करने को उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए सरकार ने 31 मई तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई हुई है।
ऋषिकेश और हरिद्वार के होल्डिंग प्वाइंट में लगभग 3000 यात्री मौजूद हैं, जिन्हें धामों में भेजा जा रहा है। चारधाम से सभी श्रद्धालु यात्रा के बाद सकुशल लौट रहे हैं। भविष्य में श्रद्धालुओं की निरंतर बढ़ती संख्या के समाधान हेतु उन्होंने चारधाम यात्रा से संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को नए ठहराव स्थलों को चिहिन्त कर वहां पर पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने भविष्य में चारधाम यात्रा के सफल संचालन हेतु नेशनल टूर ऑपरेटर्स का भी सहयोग लेने को कहा। उन्होंने देश के अन्य राज्यों के ऐसे जिले जहां से सबसे अधिक यात्री चारधाम पर आते हैं, उनके जिलाधिकारियों एवं जिला प्रशासन से भी समन्वय एवं संवाद के निर्देश दिए हैं।
चारधाम यात्रा को रजिस्ट्रेशन को उमड़ी भीड़
चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन को पंजीकरण होने की सूचना पर हरिद्वार पर्यटन विभाग के कार्यालय में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री हरिद्वार पहुंच गए। यात्री चारधाम यात्रा जाने की जिद पर अड़े रहे। यात्री करीब तीन घंटे तक कार्यालय के बाहर ही जमा रहे। बाद में विशेष पंजीकरण के बारे में जानकारी होने के बाद ही यात्री वापस लौटे, जबकि कई यात्रियों का चारधाम यात्रा के लिए विशेष पंजीकरण किया गया।
हरिद्वार में लंबे समय से रोके गए तीर्थयात्रियों को चारधाम यात्रा पर रवाना करने के लिए प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गई। इसमें होटल, धर्मशालाओं की पर्ची देखने के बाद फंसे हुए यात्रियों को विशेष पंजीकरण किया जा रहा है। यह पंजीकरण सीसीआर में किए जा रहे हैं। सोमवार को 2010 यात्रियों को इसी पंजीकरण के माध्यम से चारधाम भेजा गया था।
इसकी सूचना मिलते ही मंगलवार को काफी संख्या में लोग पहले सीसीआर पहुंच गए, जब सीसीआर में पंजीकरण नहीं हुआ तो राही होटल पर जिला पर्यटन विभाग के कार्यालय में यात्री जुट गए। देखते ही देखते भीड़ जुटने लग गई। यात्रियों को बामुश्किल समझाया गया कि यह पंजीकरण हरिद्वार में पिछले कई दिनों से फंसे हुए लोगों के लिए हैं। इस पर कई यात्रियों ने अपने होटल और धर्मशालाओं में आने की तारीख भी बताई। इसके बाद उनका विशेष पंजीकरण किया गया है।कई यात्रियों को पंजीकरण नहीं दिया गया, क्योंकि वह सोमवार और मंगलवार को ही हरिद्वार पहुंचे थे। 20 यात्री अपने हरिद्वार में फंसे होने का प्रमाण नहीं दे पाए। उन्हें भी पंजीकरण नहीं दिया गया। जिला पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव ने बताया कि विशेष पंजीकरण के माध्यम से हरिद्वार में फंसे हुए यात्रियों को चारधाम भेजा जा रहा है। सोमवार को 2010 यात्रियों को हरिद्वार से भेजा गया था। मंगलवार को भी हरिद्वार फंसे यात्रियों को भेजा गया है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने ऋषिकेश पहुंची। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में व्यवस्थाओं को बेहतर और सुगम बनाने में सामूहिक प्रयास की जरूरत है। टेक्नॉलजी की मदद से चारधाम यात्रा का सुव्यवस्थित प्रबन्धन तथा स्थायी समाधान किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने आईटी कंसलटेंसी कंपनी तथा चारधाम यात्रा से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स की मदद से फूलप्रूफ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए। मंगलवार को यात्रा ट्रांजिट कैंप में चारधाम यात्रा के साथ ही प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक फूलप्रूफ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की स्थायी व्यवस्था विकसित करने हेतु मुख्य सचिव ने प्रतिष्ठित आईटी कंसलटेंसी कंपनी की सहायता लेने के निर्देश चारधाम यात्रा प्रबन्धन अधिकारियों को दिए हैं।
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