Friday , May 17 2024

2023 में चमकते रहे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सितारे

नई दिल्ली: इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (आईबीआर) के रिकॉर्ड धारकों ने वर्ष 2023 के दौरान देश भर के समाचार जगत में हलचल मचाए रखी। कीर्तिमान स्थापित करने वाले भारतीयों के संरक्षक के रूप में, आईबीआर ने नई सोच के प्रतिभाशाली लोगों की कल्पनाओं को न सिर्फ पंख दिए, बल्कि शानदार परिणामों के लिए प्रोत्साहित भी किया। आईबीआर के जरिए न केवल व्यक्तियों, बल्कि सरकारी विभागों और कॉर्पोरेट व सामाजिक संगठनों ने भी नए मानक स्थापित करने की पहल की। एम देव दर्शन, रिफा तस्कीन, विशाक टीवी, फीनिक्स यूनाइटेड, टेकमाघी एलएलपी, एपेक्स लेबोरेटरीज, केवल फोम प्रा. लि., वसंथा योग अकादमी, बट्टाला स्पोर्टिंग क्लब और लुधियाना की कमिश्नरेट पुलिस ऐसे ही कुछ नाम हैं जिन्होंने वर्षांत में आईबीआर रिकॉर्ड कायम किए।

वर्ष के अंतिम भाग में, लखनऊ के फीनिक्स यूनाइटेड (उपल डेवलपर्स प्रा. लि.) ने लकड़ी का सबसे बड़ा दीपक बनाकर चौंकाया। सबसे लंबे समय तक पानी में पीठ के बल तैरने का कारनामा कांचीपुरम, तमिलनाडु के एम देव दर्शन ने किया। टेकमाघी एलएलपी, कोच्चि ने ऑनलाइन लाइव तकनीकी कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की अधिकतम संख्या का रिकॉर्ड बनाया। पैर बांधकर सबसे लंबे समय तक पानी में तैरने का अद्भुत करतब चित्तूर, आंध्र प्रदेश के विशाक टीवी ने किया। महिलाओं में पोषण के महत्व पर एक जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेने वाले चिकित्सकों की अधिकतम संख्या का रिकॉर्ड चेन्नई की एपेक्स लैबोरेटरीज द्वारा स्थापित किया गया।

सबसे बड़ा गद्दा बनाने का रिकॉर्ड केशोद, गुजरात की केवल फोम प्रा. लि. के नाम गया। हैदराबाद की वसंथा योग अकादमी ने सामूहिक सूर्यनमस्कार के निरंतर प्रदर्शन का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। कोलकाता के बट्टाला स्पोर्टिंग क्लब ने मां काली की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई। नशा-मुक्त पंजाब के लिए एक साइक्लोथॉन में अधिकतम प्रतिभागियों का रिकॉर्ड लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट द्वारा स्थापित किया। सबसे ज्यादा तरह के मोटर वाहन चलाने का कारनामा मैसूर की रिफा तस्कीन ने किया। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स रचनात्मक व साहसी प्रवृत्ति के लोगों को असंभव को संभव कर दिखाने में मदद करने की अपनी परंपरा को बनाए हुए है।

About admin

Check Also

मोदी सरकार में देश का रक्षा तंत्र मजबूत हुआ: महाराज

देहरादून/लखनऊ। आर्थिक समृद्धि के मामले में 2014 से अब तक मोदी सरकार के 10 वर्षों …