रुद्रप्रयाग। रक्षा बंधन से ठीक एक दिन पहले केदारनाथ में भतूज मेले का आयोजन किया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी मेले के लिए मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया है। मध्य रात्रि में पूजन के साथ ही भगवान शिव के स्वयंभू लिंग को चावलों से ढक दिया जाएगा। मंगलवार रात केदारनाथ धाम में भतूज (अन्नकूट) मेला आयोजित हो रहा है। बदरी-केदार मंदिर समिति ने दानीदाता के सहयोग से केदारनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया है। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तीर्थयात्रियों को भतूज तथा रक्षा बंधन की शुभकामनाएं दी है। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि भतूज पर्व के लिए सभी तैयारियां कर दी गई हैं। बता दें कि भतूज के दिन नए धान के चावलों का पका कर भोग से भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को लेप कर ढ़क दिया जाता है। इसके बाद रात्रिभर दर्शन के बाद सुबह चावलों को शिवलिंग से उतार कर मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर लिया जाता है। मान्यता है कि नए अनाज तथा पके चावलों के भोग को स्वयंभू शिवलिंग पर चढाने से सभी अन्न प्रजाति से विष समाप्त हो जाता है। इस मौके पर केदारनाथ में हक हकूकधारी चावल का भोग बनाकर भगवान केदारनाथ को समर्पित करेंगे। इसके अलावा अन्य खाद्य पदार्थ तथा भोग सामग्री भगवान केदारनाथ को समर्पित की जाएगी। वहीं मंगलवार को ही केदारनाथ क्षेत्र की देवी कात्यायनी डौल्या देवी भगवान केदारनाथ दर्शन किए। देव डोलियों का सोमवार को शाम केदारनाथ धाम पहुंचने पर मंदिर समिति तथा केदार सभा द्वारा भव्य स्वागत किया गया। लमगोंडी (गुप्तकाशी) क्षेत्र की अराध्य देवी राजराजेश्वरी तथा भगवान शिव के परम भक्त बाणासुर भी मंगलवार सांय केदारनाथ दर्शन को पहुंचेंगे। इस मोके पर बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी, पुजारी शिवलिंग, धर्माचार्य औंकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी एवं स्वयंबर सेमवाल डीएस भुजवाण, लोकेंद्र रूवाड़ी प्रदीप सेमवाल,अरविंद शुक्ला सहित केदार सभा, हक- हकूकधारी तथा तीर्थ यात्री मौजूद थे।
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