RNS, Hamarichoupal,09,10,2022
पौष्टिक फलों की सूची में शुमार अंगूर का इस्तेमाल आमतौर पर फलों के सलाद या फिर स्मूदी में किया जाता है। वहीं, सेहत के प्रति सजग लोग इसके जूस का भी सेवन करते हैं, क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद कर सकते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि रोजाना एक गिलास अंगूर के जूस का सेवन करने से आपको क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
हृदय को स्वास्थ्य रखने में लाभदायक
हृदय को स्वस्थ रखने में अंगूर के जूस का सेवन काफी मदद कर सकता है।
शोध के अनुसार, अंगूर के जूस में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और हृदय रोग से जुड़े इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मददगार है। इसमें मौजूद जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं।
शोध के मुताबिक, कॉनकॉर्ड किस्म के अंगूर के जूस में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दिमाग के न्यूरोनल सिग्नलिंग में सुधार ला सकते हैं। इस शोध के लिए याददाश्त की कमी वाले 12 वृद्ध और वयस्कों को 12 हफ्ते के लिए कॉनकॉर्ड अंगूर के जूस का लगातार सेवन कराया गया था। जिसके परिणामों में शोधकर्ताओं ने उनकी याद रखने की शक्ति और व्यवहार में सुधार देखा था।
शोध के अनुसार, अंगूर के जूस में एंटी-कैंसर प्रभाव मौजूद होता है, जो कैंसर सेल्स को पनपने से रोकने में सहायक है। इसके अलावा, कई पोषक तत्वों से भरपूर अंगूर के जूस का सेवन धूम्रपान से होने वाले कैंसर के खतरे को भी दूर कर सकता है। इसलिए जिन लोगों को ध्रूमपान करने की आदत या कैंसर है वे अपने डॉक्टर की सलाह लेकर अंगूर के जूस का सेवन शुरू करें।
अंगूर के जूस का सेवन पेट संबंधित समस्याओं से राहत पाने और पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है। इसमें प्रीबायोटिक गुण होते हैं, जो शरीर में लैक्टिक एसिड का उत्पादन बढ़ाकर पाचन शक्ति को बेहतर करने का काम करते हैं और आंत को संक्रमण से बचाते हैं। अगर आप पेट संबंधित समस्याओं से बचे रहना है तो अपनी डाइट में अंगूर के जूस को जरूर शामिल करें।
बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में अंगूर के जूस का सेवन काफी मदद कर सकता है।
शोध के मुताबिक, अंगूर के जूस में रेस्वेराट्रोल नामक खास तत्व मौजूद होता है। यह एक प्रकार का पॉलीफेनोल है, जिसमें एंटी-ओबेसिटी प्रभाव पाया जाता है। यह प्रभाव शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है और इससे बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।