R N S,05,05,2022
देश के न्यूज चैनलों ने रविवार को गजब किया। पूरे दिन इस बात का माहौल बनाया गया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे शाम में औरंगाबाद में बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। फिर देर शाम जब उनकी रैली शुरू हुई तो सभी चैनलों ने इसका लाइव प्रसारण किया। इसे महाइवेंट का रूप दिया गया। इतना ही नहीं मराठी में दिए जा रहे उनके भाषण का रियल टाइम में हिंदी अनुवाद सुनाया गया। सोचें, क्या पिद्दी और क्या पिद्दी का शोरबा! राज ठाकरे को महाराष्ट्र के लोगों ने कई चुनावों में खारिज किया हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा में उनकी पार्टी का सिर्फ एक विधायक जीत सका। कुछ दिन पहले तक वे कुछ भी बोलते थे तो उसे सुनने वाला कोई नहीं था। लेकिन इस बार उनकी रैली का पूरे देश में लाइव प्रसारण हुआ और हिंदी में भी लोगों को उसे सुनाया गया।
ऐसा इसलिए नहीं हुआ कि अन्ना हजारे की तरह राज ठाकरे भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई आंदोलन का ऐलान करने वाले थे या महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ सडक़ पर उतरने वाले थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वे यह ऐलान करने वाले थे कि अगर तीन मई तक मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर नहीं उतारे गए तो अजान के समय दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। सोचें, इतनी बात देश भऱ को सुनाने के लिए न्यूज चैनलों ने कई कई घंटों का कार्यक्रम चलाया और एक विधायक वाली पार्टी के नेता का भाषण लाइव दिखाया। सवाल है कि ऐसा क्यों हुआ? इसलिए कि भाजपा ऐसा चाहती थी। राज ठाकरे की रैली भाजपा के एजेंडे के हिसाब से प्लान की गई थी। भाजपा के लोग उनकी रैलियों में जुटे और भाजपा ने अपने मीडिया प्रबंधन का इस्तेमाल करके उनकी रैली का सीधा प्रसारण कराया। इसका मकसद लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा जैसे मुद्दों को प्रमुखता से बनाए रखना है ताकि महाराष्ट्र की राजनीति सांप्रदायिक लाइन पर बंटी रहे और एनसीपी व कांग्रेस से तालमेल के कारण शिव सेना बैकफुट पर रहे।