03.03.2022
मैक्स अस्पताल के डाक्टरों ने पहली बार रोटा एब्लेशन और कोरोनरी शॉकवेव लिथोट्रिप्सी के इस्तेमाल से एक मरीज की जान बचाई है। इन दोनों तकनीकों का पहली बार एक साथ इस्तेमाल कर 67 वर्षीय गंभीर हृदय रोगी को बचाया गया है। अब तक दिल्ली में इससे मरीजों को इलाज होता था। अस्पताल की एसोसिएट डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डॉ. प्रीति शर्मा एवं डॉ. पुनीश सदाना ने बुधवार को मीडिया को ये जानकारी दी। उस मरीज की गंभीर रूप से केल्सीकृत और ब्लॉक्ड आर्टरी को खोलने की प्रक्रिया की, जिसे हाल ही में दिल का दौरा पड़ा था।
डॉ प्रीति शर्मा ने बताया कि जिन मरीजों की धमनियों में काफी ज्यादा कैल्शयम जम जाता है उनमें स्टेंट डालने में दिक्कत होती है। ऐसा ही एक गंभीर मरीज उनके पास आया था। जिनमे गुर्दे और फेफड़े खराब हो चुके थे। ऐसे में उनकी सर्जरी करना उनकी जान को खतरा हो सकता था। अब उनके सामने रोटा एब्लेशन(रोटेशन मशीन से कैल्सियम काटना) के साथ एंजियोप्लास्टी करने का विकल्प था। लेकिन कैल्सियम बहुत ज्यादा होने के कारण ये तकनीक उतनी कारगर नहीं थी। ऐसे में शॉकवेव इंट्रावास्कुलर लिथोट्रिप्सी (अधिक तापमान से कैल्सियम को तोड़ना) को भी इस्तेमाल इसके साथ किया गया। उन्होनें दावा किया कि पहली बार राज्य के किसी अस्पताल में इन दोनों तकनीकों से मरीज की जान बचाई गई। इससे पहले इसके लिए लोगों को सीधे दिल्ली जाना पड़ता था।
धमनियों में कैल्सियम जमने का रखे ख्याल
-कालेस्ट्राल को कंट्रेाल में रखें
-नियममित व्यायाम करें
-अत्यधिक धुम्रपान या ड्रिक ना करें
-समय समय पर हार्ट चेकअप कराते रहें