Saturday , January 18 2025

उत्तराखंड का पहला आधुनिक मदरसा तैयार

देहरादून(आरएनएस)।  उत्तराखंड का पहला आधुनिक मदरसा बनकर तैयार हो चुका है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने यहां बताया कि देहरादून में रेलवे स्टेशन के निकट मुस्लिम कॉलोनी में करीब 50 लाख रुपये से विकसित किए गए इस आधुनिक मदरसे का नाम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मॉडर्न मदरसा रखा गया है। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्य वक्फ बोर्ड की इस पहल का विरोध कर रहे हैं।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि मार्च यानी आगामी शैक्षणिक सत्र से दाखिलों के साथ ही इस मदरसे में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसे बढ़िया कक्ष, फर्नीचर, कम्प्यूटर और स्मार्ट बोर्ड से लैस किया गया है।  इस मदरसे में सामान्य स्कूलों की तरह सभी विषयों की पढ़ाई होगी। साथ ही छात्रों को अरबी के अलावा वैकल्पिक भाषा के रूप में संस्कृत पढ़ने का भी मौका मिलेगा।  इन मदरसों में छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देने के साथ ही उनके लिए स्कूल ड्रेस और किताबों का प्रबंध भी वक्फ बोर्ड ही करेगा।
रिटायर्ड फौजी देंगे खेल की ट्रेनिंग
पहली बार मदरसों में शारीरिक शिक्षा के लिए पूर्व सैनिकों को भर्ती किया जाएगा जो न केवल छात्रों को शारीरिक रूप से फिट रखने में बल्कि उनके अंदर देश प्रेम का जज्बा भी पैदा करने में मदद करेंगे। मदरसों में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी।
शादाब शम्स की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, मुस्लिम कॉलोनी के आसपास के क्षेत्रों में स्थित करीब 10 मदरसों में से सर्वश्रेष्ठ जगह पर स्थित इस बड़े मदरसे को आधुनिक बनाया गया है। आसपास के मदरसों को बंद कर वहां पढ़ रहे सभी बच्चों को अब एक ही स्थान में इस आधुनिक मदरसे में पढ़ाया जाएगा।  इन अत्याधुनिक मदरसों में
सीबीएसई के एनसीईआरटी पाठयक्रम से सुबह से दोपहर तक सामान्य शिक्षा दी जाएगी। वहीं शाम की पाली में छात्र अपनी पसंद से कुरान, मुहम्मद साहब या भगवान राम आदि के बारे में पढ़ सकेंगे।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड की योजना साल के अंत तक प्रदेश में आठ से 10 मदरसों के आधुनिकीकरण की है।
मदरसों की खाली संपत्ति का ऐसे होगा इस्तेमाल :  अन्याधुनिक मदरसों में आसपास के क्षेत्रों के छोटे-छोटे मदरसों में से सबसे बड़े और सर्वश्रेष्ठ जगह के आधार पर विकसित किया जाएगा। इससे मदरसों का प्रबंधन आसान होगा और मदरसों की खाली संपत्तियों का उपयोग वक्फ बोर्ड अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कर सकेगा।
क्या है मकसद?
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड का मकसद एक खूबसूरत भारत बनाना है जहां सभी बच्चों को समान शिक्षा और आगे बढ़ने के समान अवसर मिलें।
विरोध भी शुरू:   उत्तराखंड वक्फ बोर्ड प्रदेश भर में 117 मदरसे संचालित कर रहा है। प्रदेश में कुल 419 मदरसे पंजीकृत हैं जबकि एक अनुमान के अनुसार, अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों की संख्या 800-1000 तक हो सकती है। योजना है कि मदरसे कम हों लेकिन वहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्य वक्फ बोर्ड की इस पहल का विरोध कर रहे है। उन पर मदरसा शब्द की जगह स्कूल नाम का इस्तेमाल करने का दवाब डाल रहे हैं।

About admin

Check Also

घने कोहरे की चादर से ढकी धर्मनगरी, कड़ाके की ठंड ने किया जन जीवन अस्त व्यस्त

हरिद्वार(आरएनएस)।  धर्मनगरी में शनिवार को भी ठंड का प्रकोप जारी रहा। शुक्रवार को धूप निकलने …