देहरादून। उत्तराखण्ड में एक बार फिर से दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने जा रहा है। यहां एक ऐसी सीट है जहां विधायक ने पार्टी और विधायिकी से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गये। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तराखण्ड की बद्रीनाथ विधानसभ सीट की। यहां विधायक ने पहले जनता को धोखा दिया और फिर मौका मांग रहे हैं। इससे जहां एक ओर जनता की भावनाओ को ठेस पहुंची वहीं एक और चुनाव का बोझ जनता के कंधों पर आ गया।
बताते चलें कि उत्तराखंड की बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र भंडारी जीते थे। उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट को हराया था। एक साल तक विधायक रहने के बाद उनको विधायकी पच नही पायी और 17 मार्च रविवार को उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया तो बद्रीनाथ विधानसभा सीट 17 मार्च से खाली हो गई। इस दौरान लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी तो आचार संहिता के कारण इस सीट पर उप चुनाव की तिथि घोषित नहीं हो सकी। इसके बाद अब जैसे ही लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए तो बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा के लिए उप चुनाव की तिथि घोषित कर दी गयी। अब राजेन्द्र भण्डारी एक बार फिर से मैदान में हैं, भाजपा ने राजेन्द्र भण्डारी को बद्रीनाथ से अपना प्रत्याशी बनाया है।
राजेन्द्र भण्डारी का राजनैतिक सफर काफी रोचक है। बात विधानसभा की करें तेा वर्ष 2007 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव नन्दप्रयाग विधानसभा से लड़ा और जीत गये। उस समय किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और भण्डारी ने भाजपा को समर्थन देते हुए उत्तराखण्ड में सरकार गठन के लिए भाजपा का साथ दे दिया। इस दौरान भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया और 2007-09 श्रम, रोजगार एवं प्रशिक्षण, युवा कल्याण खेल, खादी एवं ग्रामोद्योग का प्रभार सौंपा और फिर 2009-12 तक ये पंचायती राज, वैकल्पिक ऊर्जा, जनगणना, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड, जेल के कैबिनेट मंत्री रहे। इसके बाद सन 2012 में भण्डारी ने कांग्रेस का दामन थामा और बद्रीनाथ से चुनाव लड़ा और जीत गये। इसके बाद कांग्रेस की सरकारी बनी और उनको सरकार में मंत्रीपद से नवाजा गया। उनको कैबिनेट मंत्री – कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, बागवानी, रेशम विकास, सैनिक कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वर्षा जल संचय, जैव प्रौद्योगिकी बनाया गया। इस बीच पांच सालों तक अपना कार्यकाल पूरी तरह से चलाने के बाद वर्ष 2017 के विधानासभा चुनाव में भण्डारी फिर से चुनाव लड़े और बद्रीनाथ विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र भट्ट से चुनाव हार गये। इसके बाद भण्डारी लगातार स्थानीय राजनीति करते रहे और फिर 2022 में एक बार फिर से विधानसभा चुनाव हुए और बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस के टिकट पर भण्डारी ने चुनाव लड़ा और जनता ने भण्डारी के सिर पर जीत का सेहरा सजा दिया। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट को हराया।
इसी दोरान वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भण्डारी ने कांग्रेस पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गये।
भण्डारी के इस्तीफे के बाद बद्रीनाथ सीट खाली हो गयी और अब वहां उप चुनाव होने जा रहे हैं। इस उप चुनाव में भाजपा ने राजेन्द्र भण्डारी को अपना प्रत्याशी बनाया है और भण्डारी एक बार फिर से जनता के बीच पहुंचे हैं। एक बार जनता को धोखा देकर फिर से भण्डारी मौका मांग रहे हैं। जनता के धन, सरकारी मशीनरी समेत समय का नुकसान कर भण्डारी एक बार फिर से अपने आप को विधानासभा भेजने के लिए जनता से अपील कर रहे हैं। भण्डारी का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा था इसी के चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और भाजपा का दामन थामा। राजेंद्र भंडारी ने कहा कि पीएम के कुशल नेतृत्व में देश आगे जा रहा है। हम उनके पदचिह्नों पर चलकर काम करेंगे। वहीं, धामी ने कहा कि वह हमारे द्वारा किए गए विकास कार्यों के चलते बीजेपी में शामिल हुए हैं। हालांकि भण्डारी किस विकास की बात कर रहे हैं यह किसी के भी समझ में नहीं आ रहा है। एक बात और है कि भण्डारी को लेकर चमोली जिले के भाजपा के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता और नेता अंदर खाने काफी नाराज भी हैं। अब देखना है कि क्या जनता धोखा देने वाले को एक मौका देती है या फिर आम आदमी चौंका देती है।
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