Thursday , November 21 2024

हेमकुंड साहिब के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद

जोशीमठ ,10,10,2021,Hamari Choupal

 

चमोली में स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट दोपहर डेढ़ बजे बंद किए गए। सभी तैयारियां भी पूरी ली गई हैं। इस अवसर पर होने वाली अंतिम अरदास में हिस्सा लेने के लिए बहुत से श्रद्धालु घांघरिया पहुंच चुके हैं।

कपाट बंद होने की प्रक्रिया सुबह नौ बजे से सबद-कीर्तन के साथ शुरू हुई। कार्यक्रम दोपहर 12 बजे तक चला। दोपहर साढ़े 12 बजे इस साल की अंतिम अरदास  हुई और इसके बाद दोपहर एक बजे गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा लिया गया ।
फिर गुरु ग्रंथ साहिब को पंजाब के आए विशेष बैंड की धुन के साथ पंज प्यारों की अगुआई में दरबार साहिब से सचखंड साहिब के गर्भगृह में ले जाया गया। ठीक डेढ़ बजे धाम के कपाट बंद कर दिए गए। विदित हो कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 18 सितंबर को खोले गए थे। बावजूद इसके अब तक 10300 श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेक चुके हैं।

हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये सिखों और हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं। हेमकुंड की यात्रा रोमांच से भरी होती है। इतना ही नहीं इसके आसपास कई और खूबसूरत पर्यटन स्थल भी, जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं।

कहा जाता है हेमकुंड साहिब की खोज 1934 में हुई थी। क्षेत्र के इतिहासकार और पर्यटक विशेषज्ञ पूर्व मंत्री केदार सिंह फोनिया की डिवाइन हेरिटेज ऑफ हेमकुंड साहिब एंड वर्ल्ड हेरिटेज ऑफ वैली ऑफ फ्लावर किताब की मानें तो 1930 के दशक में पत्रकार तारा सिंह नरोत्तम बदरीनाथ यात्रा पर आए थे। उन्होंने पांडुकेश्वर से यहां जाकर इसकी खोज की और अपने लेखों के माध्यम से पंजाब के निवासियों को हेमकुंड साहिब को लेकर जानकारी दी।

About admin

Check Also

जिज्ञासा यूनिवर्सिटी में बहुविश्यक शोध को बढ़ावा देते सम्मेलन का समापन

शोध को प्रभावी बनाने हेतु बहुविषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिज्ञासा विश्वविद्यालय …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *