Hamarichoupal,25,11,2022
छह महीने के बाद से बच्चों को दूध के साथ-साथ ठोस आहार का सेवन करवाना शुरू कर देना चाहिए, लेकिन कुछ चीजें बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस सूची में गाय का दूध, मीठे व्यंजन, रिफाइंड अनाज और पाश्चुरीकृत जूस आदि चीजें शामिल हैं, जिनका सेवन छोटे बच्चों को करवाना बाल चिकित्सक सही नहीं मानते हैं। आइए जानते हैं कि ये खान-पान की चीजें छोटे बच्चों के लिए क्यों नुकसानदायक हैं।
गाय का दूध
छोटे बच्चों के लिए गाय का दूध पचाना कठिन हो सकता है। वहीं, गाय के दूध में आयरन और विटामिन-श्व जैसे सभी पोषक तत्व भी नहीं होते हैं और एक बच्चे के विकास के लिए इन पोषक तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। एक बार जब आपका बच्चा एक साल का हो जाए तो आप उसे सीमित मात्रा में गाय का दूध पिला सकते हैं।
मीठी चीजें
अपने छोटे बच्चे को मीठी चीजें खिलाने से उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। चॉकलेट और कैंडीज आदि के सेवन से बच्चों के दांतों और समग्र स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। शायद आपको न पता हो, लेकिन बच्चे को किसी भी रूप में शहद देने से उसको बोटुलिज्म हो सकता है। अगर आपके बच्चे को मीठा अच्छा लगता है तो आप उसे केले जैसे फल खिला सकते हैं, क्योंकि ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
पाश्चुरीकृत फलों का जूस
पाश्चुरीकृत फलों का जूस छोटे बच्चों में मां के दूध की भूख को कम कर सकता है, जो जीवन के पहले वर्ष में उसका मुख्य आहार होना चाहिए। यह जूस इनके दांत खराब करने के साथ-साथ कई पाचन संबंधित समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। छोटे बच्चों को हमेशा घर में बना ताजा फलों का जूस देना ही सही रहता है।
रिफाइंड अनाज
छोटे बच्चों को सफेद चावल और सफेद ब्रेड जैसे रिफाइंड अनाज का अधिक सेवन कराने से उन्हें हृदय रोग, मधुमेह और ट्राइग्लिसराइड्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनकी बजाय छोटे बच्चों की डाइट में साबुत अनाज से युक्त चीजों को शामिल करें। साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं, जो ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त इससे बच्चों के समग्र स्वास्थ्य को बहुत लाभ होता है।
पनीर
अगर आपका बच्चा अभी एक साल का भी नहीं हुआ है तो उसे पनीर न खिलाएं। माना कि पनीर एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है, लेकिन छोटे बच्चों को पनीर का सेवन फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा सकता है। इसका मुख्य कारण यह है कि पनीर में लिस्टेरिया नामक बैक्टीरिया होता है, जो बच्चे के पाचन को प्रभावित कर सकता है। इससे आपके बच्चे को पाचन संबंधी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।