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हिमाचल प्रदेश: भारी बारिश ने बरपाया कहर, चंबा में बहे पांच वाहन, 30 घरों में घुसा मलबा, खड्ड में फंसे रहे 11 लोग

शिमला/चंबा/पालमपुर(कांगड़ा,19,08,2022

(न्यूज़ एजेंसी आर एन एस)

 

 

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने फिर कहर बरपाया है। प्रदेश के चंबा जिले में अलर्ट के बीच रात से जारी भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। जगह-जगह भूस्खलन होने व मलबा आने से कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। गुरुवार रात को भारी बारिश से बनीखेत और भटियात में पांच वाहन बह गए। 30 घरों में पानी और मलबा घुस गया। खिड़कियां तोड़कर लोग बाहर निकाले। भटियात क्षेत्र में जहां घरों और गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है तो वहीं सात भेड़ों सहित एक मवेशी की मलबे तले दबने से मौत हो गई। जिले में भारी बारिश के कारण 23 मार्गों पर यातायात ठप हो गया।
वहीं, कांगड़ा के थुरल में आठ लोग 11 घंटे न्यूगल खड्ड में फंसे रहे। एनडीआरएफ की टीम ने उन्हें सुरक्षित बचाया। शुक्रवार शाम तक प्रदेश में 73 सड़कें ठप रहीं। जिला कांगड़ा में गुरुवार रात भारी बारिश से 10 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए। कांगड़ा में 255 और धर्मशाला में 181 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई।
भटियात उपमंडल में सबसे ज्यादा 15, सलूणी में सात और भरमौर में एक सड़क पर यातायात ठप पड़ा हुआ है। प्रंघाला मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है। इसके अलावा तिलको देवी निवासी सिहुंता का मकान, गोशाला और एक गाय मलबे में दब गई। प्रशासन ने महिला को पांच हजार रुपये फौरी राहत दी है। लोगों में उस समय जान बचाने के लिए भगदड़ मच गई जब अचानक पद्दर के चार छोटे नालों का जलस्तर बढ़ गया। नालों का पानी लोगों के घरों में घुस गया और पानी के साथ बहकर आए मलबे से घरों के दरवाजे भी बंद हो गए। लोगों ने घरों की खिड़कियां तोड़कर बाहर निकलकर अपनी जान बचाई और अपने घरों से दूर जाकर सुरक्षित जगह पनाह ली। सड़क पर खड़ी एक पिकअप और कार भी नाले के पानी में बह गई। शुक्रवार सुबह नाले मे कुछ दूरी पर पिकअप पानी में क्षतिग्रस्त मिली जबकि कार का कुछ पता नहीं लग पाया।
उधर, प्रदेश के कांगड़ा जिले में थुरल महाविद्यालय के पास न्यूगल खड्ड के बीच टापू पर 11 लोग करीब 11 घंटे फंस रहे खड्ड में जल स्तर बढ़ने से लोग टापू पर फंस गए थे। सूचना मिलते ही एसडीएम धीरा, डीएसपी पालमपुर, पुलिस प्रशिक्षण केंद्र डरोह इंजीनियरिंग के जवान भी मौके पर पहुंचे। एनडीआरएफ की टीम और सेना की मोटर बोट ने भी बचाव अभियान में सहायता की। हालांकि सभी लोगों का ट्यूब की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
मैक्लोडगंज में शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे खड़ा डंडा मार्ग धंसने से यहां से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। पांवटा साहिब-शिलाई एनएच-707 पर तिलोरधार के समीप भारी भूस्खलन से गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह 8:00 बजे तक करीब आठ घंटे बंद रहा। विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। शनिवार व रविवार को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर जिले में भारी बारिश की संभावना है। पूरे प्रदेश में 25 अगस्त तक मौसम खराब बना रहने की संभावना है। विभाग के अनुसार भारी बारिश की स्थिति में पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन हो सकता है। ऐसे में लोगों को स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने को कहा गया है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
न्यूनतम तापमान
शिमला में न्यूनतम तापमान 17.1, सुंदरनगर 22.5, भुंतर 22.2, कल्पा 13.2, धर्मशाला 20.2, ऊना 28.0, नाहन 22.5, केलांग 12.7, पालमपुर 20.5, सोलन 21.0, मनाली 19.4, कांगड़ा 23.2, बिलासपुर 25.5, हमीरपुर 24.0, चंबा 23.0, डलहौजी 17.4 , जुब्बड़हट्टी 17.4 और पांवटा साहिब में 27.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
धर्मशाला-कांगड़ा एनएच पर सकोह में भी मलबा गिरने से तीन घंटे मार्ग बंद रहा। जिला मंडी में पधर-जोगिंद्रनगर वाया नौहली मार्ग पर शुक्रवार को पहाड़ी फिर से दरक गई। यह मार्ग चार दिन से अवरुद्ध है। बद्दी से घरेड़ मार्ग नवांनगर के समीप तीन फीट धंस गया है।

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