सोलन,hamarichoupal,20,06,2022
हिमाचल प्रदेश में सोलन जिला के प्रवेश द्वार परवाणू में सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे टिंबर ट्रेल (केबल कार रोपवे) तकनीकी खराबी की वजह से अचानक आधे रास्ते में रुक गई। ट्रॉली में बैठे एक ही परिवार के पर्यटकों समेत 11 लोगों की सांसें 150 फीट ऊंचाई पर छह घंटे हवा में अटकी रहीं। दिल और मधुमेह के मरीजों समेत भूखे-प्यासे लटके इन लोगों को घंटों तक न तो होटल प्रबंधन और न ही प्रशासन से कोई मदद मिली।
डरे सहमे इन लोगों ने थक-हारकर मोबाइल पर वीडियो बनाकर अपने परिजनों को भेजा। परिजनों ने पुलिस और मीडिया को घटना की जानकारी दी और मदद मांगी। इसके बाद दोपहर करीब 12:35 बजे परवाणू से स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने प्रशासन और एनडीआरएफ को इसकी सूचना दी। दोपहर 2:00 बजे बचाव अभियान शुरू हुआ और 4:30 बजे तक सभी पर्यटकों को सुरक्षित नीचे उतार दिया गया। नीचे उतरने के बाद पर्यटकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रशासन से मिलने के बाद कहा कि वे कई घंटे ट्रॉली में फंसे रहे। वे मानसिक रूप से परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि वह इसका मुआवजा तो नहीं मांग रहे लेकिन होटल में रहने और खाने का बिल माफ किया जाए। उपायुक्त कृतिका कुलहरी ने कहा कि इस बारे में प्रबंधक से बात की जाएगी। डिंपल गोयल ए172 दिवेश विहार दिल्ली, रीता गोयल टैगोर रोड दिल्ली, गोपाल गुप्ता आनंद विहार दिल्ली का यह परिवार शनिवार को रिसोर्ट आया था और सोमवार को घर लौट रहा था।
ट्रॉली में इस परिवार के पांच पुरुष और पांच महिलाओं के अलावा हरियाणा के जींद का व्यक्ति बैठा था। जींद का व्यक्ति इसी होटल में सप्लाई का काम करता है। सभी पर्यटक अपने घर लौट गए हैं।ट्रॉली बनासर के मोक्षा रिसोर्ट से परवाणू टीटीआर के लिए आ रही थी। इस दौरान अचानक टीटीआर प्वाइंट से 100 मीटर पहले ट्रॉली रुक गई। टीटीआर में बनाई गई बचाव ट्रॉली से एक व्यक्ति फंसी हुई ट्रॉली के पास पहुंचा।
सबसे पहले महिलाओं को नीचे उतारना चाहा लेकिन उन्होंने उतरने से इनकार कर दिया। पहले एक व्यक्ति को नीचे उतारा गया, उसके बाद महिलाएं भी उतरने के लिए तैयार हो गईं। सभी को रस्सी से बांधकर एक-एक कर उतारा गया। नीचे एनडीआरएफ की टीम तैनात रही। प्रशासन ने एयरफोर्स से भी मांगी थी लेकिन बाद में इनकार कर दिया गया। एनडीआरएफ की टीम को सेना के अधिकारी लीड करते रहे।
पर्यटकों ने आरोप लगाया कि होटल मामले को दबाने में लगा रहा। ट्रॉली सुबह 10:30 बजे फंस गई थी। मगर उन्हें यही बताया जाता रहा कि बिजली चली गई है। ऐसे में ट्रॉली रुक गई है। बाद में बताया गया कि ट्रॉली तकनीकी खराबी के कारण फंस गई है, बचाव टीम जल्द उन्हें निकालेगी। पर्यटकों ने आरोप लगाया कि उन्हें केवल पानी ही मिल पाया। खाने के लिए कुछ नहीं दिया गया। डॉक्टर की मांग भी की, लेकिन इसे भी पूरा नहीं किया गया।
1.8 किलोमीटर लंबा है ट्रैक
टीटीआर स्थित रोपवे की कुल ऊंचाई करीब 2000 फीट है। यह पूरा ट्रैक 1.8 किलोमीटर लंबा है और इसमें एक से दूसरी तरफ पहुंचने में आठ मिनट का समय लगता है। एक बार में इस ट्रॉली में 12 लोग बिठाए जाते हैं।
घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सभी पर्यटकों से बात की। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह को भी फोन पर इस घटना की जानकारी दी है। शाह से बात के बाद मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, टीटीआर होटल के एजीएम विजयकांत शर्मा ने कहा कि तकनीकी खराबी के कारण ट्रॉली फंस गई थी। हमारी रेस्क्यू टीम ने सभी मेहमानों को सुरक्षित निकाल लिया है। इसमें कुछ समय जरूर लगा लेकिन निकालने से पहले सभी पर्यटकों को मोटिवेट करना था। ट्रॉली दोबारा कब चलेगी, यह तकनीकी टीम देखेगी।