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उत्तराखंड : टिहरी झील के जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों को खतरा

25,09,2021,Hamari Choupal

 

नई टिहरी। टिहरी बांध के लिए बनी झील का चरम जलस्तर 830 मीटर प्राप्त होने पर टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक (ईडी) यूके सक्सेना ने कहा कि टीएचडीसी कार्मिकों की मेहनत व सरकार के सहयोग से टिहरी झील को उच्चतम स्तर को प्राप्त कर लिया गया है। इससे बांध परियोजना से हर दिन 50 से 60 लाख की आय अतिरिक्त जनरेट होगी। जिसका लाभ सभी को मिलेगा।

तो वहीं झील का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे भूस्खलन से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीती रात को झील का जलस्तर बढ़ने से कंडीसौड़ तहसील के सरोट गांव में लोगों को रातभर जागना पड़ा। झील का उच्चतम स्तर प्राप्त करने के दौरान ईडी सक्सेना ने टिहरी झील का मुआयना करने के बाद कहा कि टिहरी झील का उच्चतम स्तर प्राप्त करने से हर साल 15 से 16 मिलियन यूनिट बिजली का अतिरिक्त उत्पादन होगा।

828 आरएल के स्तर पर टिहरी और कोटेश्वर बांध से 20 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन प्रतिवर्ष हो रहा था। जो बढ़कर अब 33 से 35 मिलियन यूनिट तक पहुंच जायेगा। जिससे ग्रिड के मांग के अनुरूप पर्याप्त विद्युत उत्पादन किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि टिहरी बांध पूरी तरह से सुरक्षित है।

835 मीटर तक बांध विस्थापितों का पुनर्वास और प्रतिकर भुगतान किया जा चुका है। उसके बाद 411 परिवारों को ओर चिन्हित किया गया है। 830 मीटर की परमिशन मिलने के बाद टीएचडीसी ने प्रभावितों के 252 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर ली है। प्रभावितों की सूची मिलने तत्काल बाद यह धनराशि पुनर्वास निदेशक को सौंप दी जायेगी।
बांध का जलस्तर 830 किये जाने बाद भी यदि कोई प्रभाविता होता है, मो एक्सपर्ट कमेटी के सर्वे के बाद उन्हें भी प्रतिकर देने का काम किया जायेगा।  उन्होंने कहा कि टीएचडीसी आज भी प्रभावितों के साथ खड़ी है। आज उच्चतम जलस्तर का रिकार्ड प्राप्त करने में टिहरी के लोगों का भी सहयोग शामिल है। 830 मीटर का जलस्तर प्राप्त करने के बाद टिहरी बांध अपने पूरी क्षमता से काम कर देश व प्रदेश को लाभान्वित करने का काम करेगा। टिहरी बांध में सेफ्टी व्यवस्थाएं मजबूत : ईडी यूके सक्सेना ने कहा कि टिहरी बांध पूरी तरह से सुरक्षित है, बांध में सेफ्टी व्यवस्थायें इस तरह की हैं कि बांध का जलस्तर जैसे ही 830 से उपर होगा, वैसे ही मार्निग गैलरी के रूप में बनी राइट साइड अनगेटेड साफ्ट स्विप वे से पानी नीचे उतरने लगेगा। जिससे बांध का जलस्तर इससे अधिक बढ़ेगा ही नहीं, इसके साथ ही भारी बांध आने के बाद भी यदि तेजी से पानी का जलस्तर बढ़ता है, तो उसके लिए अनगेटेड साफ्ट स्विप वे के साथ ही लेफ्ट साईड गेटेड साफ्ट स्वीप वे से भी पानी की निकासी की जाती है।

जिससे जलस्तर बढ़ने का खतरा नहीं रहता है। सीडब्युसी कमेटी ने भी जलस्तर पूरी तरह से मानकों के अनुरूप पाया है।
झील के जलस्तर ने बढ़ाई दिक्कत

एक ओर टिहरी झील का जलस्तर अपने चरम 830 मीटर पर पहुंचने से टीएचडीसी में उत्साह का माहौल है, तो वहीं झील का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे भूस्खलन से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीती रात को झील का जलस्तर बढ़ने से कंडीसौड़ तहसील के सरोट गांव में लोगों को रातभर जागना पड़ा।

गांव के भगीरथू लाल के मकान को पुश्ता जलस्तर बढ़ने से झील में समा गया। रकार के टिहरी झील का जलस्तर चरम 830 तक भरने की अनुमति देने के बाद सुबह 8 बजे टिहरी झील अपने शबाब पर रही। लेकिन झील के शबाब रातभर सरोट गांव के ग्रामीणों को भारी पड़ा। ग्रामीण गांव में झील का जलस्तर बढ़ने से हो रहे भूस्खलन के कारण रात भर जागते रहे। भगीरथू लाल के मकान का पुश्ता झील में समा गया।

रात भर जागते हुये ग्रामीणों की परेशानी को किसी भी आलाधिकारी ने नहीं देखा, सुबह के वक्त प्रशासन के नुमाईंदों ने यहां पहुंचकर भगीरथू लाल व कमला देवी को आनन-फानन में पंचायत घर व पशु सेवा केंद्र में शिफ्ट किया। जबकि गांव के अन्य लोग भूस्खलन के डर से रतजगा करते रहे। मौके पर पहुंचे तहसीलदार मौके पर पहुंचे तहसीलदार कण्डीसौड़ किशन सिह महन्त व राजस्व निरीक्षक प्रताप सिह भण्डारी ने बताया कि मौके पर जाकर निरीक्षण किया लिया गया है।
दो परिवारों को पंचायत घर व पशु सेवा केन्द्र मे शिफ्ट किया गया है। यहां पर पानी और विद्युत की व्यवस्था की जा रही है। खतरे की सम्भावना को देखते हुए दो और परिवारों में धीरज लाल व प्यारू लाल के मकान को चिन्हित कर रिपोर्ट डीएम को प्रेषित की गई है। ग्रामीणों में सविता, बिनीता व प्रकाश कहना है कि झील के कारण परेशान हो रहे ग्रामीणों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। इस मौके पर राजस्व उप निरीक्षक रबिन्द्र, ब्लाक प्रमुख प्रभा बिष्ट, कनिष्ठ प्रमुख ज्ञान सिह, सुमेरी बिष्ट आदि भी मौजूद रहे।

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