लखनऊ,12,08,2021,Hamari Choupal
मिशन रोजगार के तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से चयनित 2846 प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों को गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान सीएम योगी ने खुद शिक्षक के अंदाज में नए शिक्षकों को पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि शिक्षक को हमेशा सीखते रहना चाहिए। विद्यार्थी भाव में रहेंगे तो योग्य शिक्षक बनेंगे। ईमानदारी से कृतित्व करेंगे तो छात्र की कृतज्ञता पाएंगे और विद्यार्थी का भविष्य अपनी लापरवाही से खराब करेंगे तो कोसे जाएंगे। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रदेश में कई वर्षों के बाद शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी हुई है। सरकार ने चार साल से शिक्षकों के खाली पदों को भरने का पूरा प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में डेढ़ लाख शिक्षकों की भर्ती हुई है। यह भर्तियां बिना किसी सिफारिश और भेदभाव के की गई हैं।
लखनऊ के लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2017 के पहले योग्यता होने के बावजूद अभ्यर्थियों को निराशा मिलती थी। तब पारदर्शी व्यवस्था नहीं थी। ईमानदारी का अभाव था। तब सभी प्रकार की चयन प्रक्रिया में बेईमानी और भ्रष्टाचार का घुन लग जाता था, नव जवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रखा था और अंततः व्यक्ति को हताश और निराश होकर चुपचाप बैठना पड़ता था, लेकिन वर्ष 2017 के बाद भर्तियों में चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। इन 53 महीनों के दौरान सरकार ने अब साढ़े चार लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी विभिन्न विभागों में दी गई है। ये सभी भर्तियां पिछली सरकारों की बेईमानी और गिद्ध दृष्टि के कारण, न्यायालय के स्थगन आदेश के कारण रुकी हुईं थीं। वर्ष 2017 के बाद जब हमारी सरकार बनी तो एक-एक करके सभी समस्याओं का समाधान किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन साढ़े चार वर्षों से प्रदेश साढ़े चार लाग नौजवानों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। ऐसा किसी भी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुआ होगा। जब इस सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल पूरे हो रहे होंगे तब तक पांच लाख नौजवानों को सरकारी नौकरियां दे दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि आप सभी शासन की योजनाओं की भी जानकारी रखें। आपको जानकारी होगी तो छात्र जानेंगे, तभी वह उनका लाभ ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर भर्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि तब वंशवाद और जातिवाद का नंगा तांडव होता था। आपमें से बहुत से ऐसे होंगे जो कई प्रतियोगी परीक्षाएं दे चुके होंगे। योग्य होते हुए भी तब भ्रष्टाचार की वजह से चयनित नहीं हो सके। अब स्थिति यह है कि प्रवेश पत्र से नियुक्ति पत्र लेने तक किसी को सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ी होगी। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी, राज्यमंत्री गुलाब देवी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला भी उपस्थित थीं।