देहरादून,11,08,2021,Hamari चौपाल
एमवी एक्ट के मुकदमों का सीधे तौर पर राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटारा नहीं हो सकता है। इन्हें पहले सीओ और एआरटीओ के यहां भुगतना होगा। इसके बाद ही अदालत में इनका निपटरा किया जा सकता है। यह जानकारी बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा कुशवाह ने पत्रकार वार्ता में दी।
पत्रकार वार्ता आगामी 11 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में थी। सचिव नेहा कुशवाह ने बताया कि इसमें फौजदारी के शमनीय, राजस्व, धारा 138 एनआई एक्ट, बिजली-पानी बिल वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, वेतन-भत्तों व सेवानिवृत्ति वाद, वैवाहिक-कुटुम्ब न्यायालयों के वाद, धन वसूली, श्रम संबंधित, भूमि अर्जन, दीवानी वाद समेत इस तरह के अन्य मामलों का सुलह समझौते के आधार पर निपटारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाद को लोक अदालत में लगवाने के लिए प्रार्थी को खुद या अपने वकील के जरिए अपनी अदालत में आवेदन करना होगा। वहां से वाद को लोक अदालत में लगाया जाएगा। अदालतों में बढ़ते केसों के बोझ को देखते हुए काफी समय से यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। लोक अदालतों का फैसला अंतिम फैसला होता है, जिसके बाद कहीं अपील नहीं की जा सकती।