श्रीनगर,23,05,2023
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा रामलीला मैदान श्रीनगर में आयोजित ऑक्टेव-2022 महोत्सव का रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया है। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हमारा देश एक राष्ट्र, एक ध्वज और एक आत्मा है। प्रतिष्ठित उत्सव ऑक्टेव 2022 जिस धरती पर हो रहा है, यही वह स्थान है जहां से पाण्डव स्वर्गारोहण और केदारनाथ गए थे। इस आयोजन के माध्यम से जो झलक दिखलायी गई वह हमारी महाभारत कालीन संस्कृति से मिलती है। रविवार देर शाम को आयोजित समापन समारोह में महाराज ने कहा कि हमारा उत्तर-पूर्वी राज्यों से गहरा आध्यत्मिक जुड़ाव भी है। असम में मां कामाख्या देवी और त्रिपुरा में मां त्रिपुर सुंदरी बालाजी हमारी आस्था एवं श्रद्धा की शक्ति के केंद्र हैं। उन्होंने संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के आयोजन देश के हर हिस्से में आयोजित होने चाहिएं ताकि हम सभी एक दूसरे की संस्कृति से रूबरू हो सकें। इस मौके पर असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम के कलाकारों की प्रस्तुतियों से प्रभावित होकर संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज व उनकी पुत्रवधु आराध्या ने सांस्कृतिक दल के प्रमुख को सम्मानित भी किया।आयोजन में उत्तर पूर्वी राज्यों के लगभग 250 कलाकारों अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। असम के कलाकारों ने बीहू नृत्य, बरडोई शिकला, मणिपुर के कलाकारों ने पुंग चोलम और ढोल चोलम, लाई हरूबा और थांगटा, त्रिपुरा के कलाकारों ने होजागिरी, संगराई मोग, सिक्किम के कलाकारों ने सिंघी छम्म, तमांग सेलो, नागालैण्ड के युद्ध नृत्य, एफिलो कुघू, मुगियंता, अरूणाचल प्रदेश के कलाकारों ने रिकम्पाद, ब्रोजाई, मेघालय के का शाद मस्तीह/होको मेघालय, वांगला और मिजोरम के कलाकारों ने सोलकिया आदि नृत्य एवं अन्य प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पौडी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सहित उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की निदेशक श्रीमती दीपिका पोखरना, गढ़वाली गायक नत्थीलाल, कार्यक्रम संयोजक डा. राकेश भट्ट, जगजीत सिंह एवं जनरेल सिंह सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे।