उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी स्थित बायोटेक भवन में सात दिवसीय एडवांस इन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी एंड जेनेटिक इंजीनियरिंग टेक्निकस कार्याशाला शुरू हुई। शुभारंभ पंतनगर विश्व विद्यालय के निदेशक शोध डॉ. अजीत सिंह नैन ने किया। इसके अलावा कौशल विकास कायर्क्रम के तहत की गई कार्यशाला प्रशिक्षण कायर्क्रम परिषद् के निदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल की देखरेख में हुई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ. सिंह नैन ने जैवप्रौद्योगिकी के इतिहास से लेकर आधुनिक तकनीकी संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। एसबीआर हेल्थकेयर प्रा. लि रुद्रपुर की निदेशक डॉ. उपासना अरोरा ने कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान मॉलीक्यूलर तकनीकों की आवश्यकताओं को बताते हुए भविष्य में कुशल प्रबंधन की जरूरतों को बताया। वहीं बीसीआईएल दिल्ली के डॉ. शिवकान्त शुक्ला द्वारा वाणिज्यिक तकनीकी जैसे की पादप ऊतक संवधर्न की प्रशिक्षण की उपयोगिताओं से रू-ब-रू कराया। अतिथि वक्ता डॉ. मधु थपलियाल ने प्रत्येक जैविक उपलब्धताओं के संवधर्न तथा संरक्षण को सहेजने के लिए उपाय बताए। वक्ता डॉ. आशीष थपलियाल ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय देहरादून के द्वारा आधुनिक मॉलिक्यूलर तकनीकों पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। परिषद् के डॉ. सुमित पुरोहित व डॉ. सोनू अम्बवानी, सहायक प्राध्यापक) पंतनगर विवि ने भी अपने विचार रखे। यहां डॉ. कंचन कार्की डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ. शिल्पी विश्वास, अमित पुरोहित एडीए, डॉ. मणिन्द्र मोहन, लक्षिका भंडारी, सचिन शर्मा, ओपी वार्ष्णेय, अनुज कुमार जॉन, ललित मिश्रा, मनोज सिंह कनवाल, चन्द्रशेखर सिंह, पवन मल्लाह, सौरभ पंडा आदि मौजूद थे।
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