06,09,2021,Hamari Choupal
विटामिन डी महत्वपूर्ण पोषक तत्व है और शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए जरूरी है। मां का विटामिन डी गर्भाशय में उसके बच्चे तक पहुंचता है और मष्तिस्क के विकास समेत क्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक शोध से पता चला है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मां के विटामिन डी लेवल का संबंध उसके बच्चे की बुद्धि (आईक्यू) से है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा विटामिन डी लेवल मष्तिस्क के विकास में सहायक है और बच्चे की बुद्धि को बढ़ा सकता है। इसका मतलब हुआ कि प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी का लेवल जितना ज्यादा होगा, उतना ही बच्चों की बुद्धि में बढ़ोतरी की संभावना होगी। शोध में इस बात पर भी रोशनी डाली गई है कि विटामिन डी की कमी सामान्य आबादी के अलावा गर्भवती महिलाओं में आम है। लेकिन काले रंग की महिलाओं को ज्यादा खतरा है क्योंकि स्किन के प्राकृतिक रंगद्रव्य (मेलानिन पिगमेंट) विटामिन के उत्पादन को घटा देता है।
माना जाता है कि मेलानिन पिगमेंट सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन की रक्षा करता है। शोध के मुताबिक, काली गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी के लेवल में स्पष्ट रूप से ज्यादा कमी देखी गई। वैज्ञानिकों ने 46 फीसद गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी का पता लगाया गया खासकर काली महिलाओं में समस्या ज्यादा आम पाई गई।
बुद्धि से संबंधित कई फैक्टर को मद्देनजर रखते हुए वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में विटामिन डी का ज्यादा लेवल और 4-6 साल की उम्र के बच्चों में ज्यादा बुद्धि के बीच संबंध मौजूद है। हालांकि, इस तरह के विश्लेषणात्मक अध्ययन से वजह को साबित नहीं किया जा सका मगर भविष्य में नतीजे के महत्वपूर्ण अर्थ होंगे और बड़े पैमाने पर शोध करना होगा। उन्होंने बताया कि विटामिन डी की कमी पर काबू पाना संभव है और इसका सबसे आसान हल सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल है। इसके अलावा, मछली, अंडे और फोर्टिफाइड मिल्क से भी विटामिन डी को शरीर का हिस्सा बनाया जा सकता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की आदर्श मात्रा पर और शोध किए जाने की जरूरत है।