10.08.2021,Hamari चौपाल
सूर्य नमस्कार सुबह की योग मुद्रा है, जिसे यदि प्रतिदिन नियमित रूप से किया जाए तो शरीर स्वस्थ और दीप्तिमान हो जाता है। सूर्य नमस्कार में 12 प्रभावी आसन होते हैं। ऐसा करने से मन को शांति मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करना सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। हाथ छाती के पास नमस्कार की स्थिति में होने चाहिए। पैरों को एडजस्ट करते हुए, सामने देखते हुए या आंखें पोंछते समय बिजमंत्र से सूर्य नाम का उच्चारण करना चाहिए।
लाभ-
*सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शारीरिक स्तर पर स्थिरता आती है।
*प्रभावित अंगों पर दबाव पड़ता है जिससे उन अंगों में रक्त संचार बेहतर होता है।
*शुद्ध रक्त की आपूर्ति होती है जो अंगों के कार्य को बढ़ाती है। यह संबंधित विकारों को ठीक करने में मदद करता है।
*सूर्य नमस्कार बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
*शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने वाली ग्रंथियों के कार्य में सुधार करता है।
*शारीरिक, मानसिक दक्षता को बढ़ाता है।
*स्थिरता पैदा करके बच्चों में अस्थिरता को कम करने में मदद करता है।
*बच्चों में सर्दी, बुखार, भूख न लगना जैसी आवर्तक बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।