06.08.2021,Hamari चौपाल
बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं को काफी कमजोरी महसूस होती है और उनका वजन भी बढऩे लगता है। वे इन समस्याओं से उबरने के लिए तरह-तरह के तरीके खोजती हैं। महिलाएं चाहें तो इसके लिए योग का सहारा भी ले सकती हैं। आइए आज कुछ ऐसे ही योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं जो महिलाओं को डिलीवरी के बाद हुई कमजोरी और बढ़ते वजन से राहत दिलाने के साथ-साथ हार्मोन्स को संतुलित करने में भी सहायक हैं।
भुजंगासन
भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। थोड़ी देर बाद फिर से इस योगासन को करें।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन के लिए पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आपस में सटाकर और आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। इसके बाद माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगूठों को पकडऩे का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।
गोमुखासन
गोमुखासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठें। अब अपने दाएं पैर को मोड़कर बाईं जांघ के ऊपर से नितंब के पास जमीन पर रखें। इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़कर दाईं जंघा के नीचे से दाए नितंब के पास जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए उन्हें पीठ के पीछे आपस में पकडऩे का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।
बालासन
बालासन के अभ्यास के लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और फिर गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। फिर सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आएं और सामान्य हो जाएं।