29.07.2021,Hamari Choupal
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में राजधानी देहरादून के अलावा उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। बृहस्पतिवार को राजधानी देहरादून व आसपास के क्षेत्रों में एक या दो दौर की भारी बारिश हो सकती है।
बारिश की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी ने जिला प्रशासन समेत आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। जिलाधिकारी डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि जिले के जिस भी इलाके से आपदा से जुड़ी कोई सूचना आती है तो तमाम विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे ताकि आपदा राहत कार्यो को तत्काल शुरू किया जा सके।
जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को अपने अपने इलाकों में मौजूद रहने, आपदा से जुड़ी हर जानकारी जुटाने के साथ ही तत्काल सहायता मुहैया कराने की हिदायत दी है।
उत्तराखंड में बारिश: भूस्खलन से तीन नेशनल हाईवे समेत 338 सड़कें बंद, खतरे के निशान पर बह रहीं नदियां
चौखुटिया में गधेरे में बहा पीआरडी जवान
कुमाऊं में मंगलवार की रात और बुधवार को हुई बारिश से करीब 45 सड़कें मलबे से बंद हो गई हैं। रात की ड्यूटी करने के बाद घर लौट रहा चौखुटिया (अल्मोड़ा) के सोनगांव निवासी पीआरडी जवान राकेश किरौला (24) पुत्र मोहन सिंह किरौला बुधवार तड़के सवा चार बजे उफनाए नागाड़ गदेरे में बह गया। उसकी स्कूटी आपुण बाजार से कुछ दूरी पर रामगंगा नदी के पास मिली। जवान का पता नहीं चल पाया है। अल्मोड़ा से पहुंची एनडीआरएफ की टीम युवक की तलाश में जुटी है।
दून में 116.6 मिमी और मसूरी में नौ मिमी हुई बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में राजधानी दून में 116.6 मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। पहाड़ों की रानी मसूरी में नौ मिलीमीटर, नागथात क्षेत्र में 8.5 मिलीमीटर, चकराता में सात मिलीमीटर, कालसी में 7.5 मिलीमीटर, कोठी में पांच मिलीमीटर और ऋषिकेश में 1.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
खतरे के निशान के करीब पहुंचीं गंगा-यमुना
हिमालयन गंगा डिवीजन केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से जारी किए गए हमले के मुताबिक ऋषिकेश में गंगा नदी का जल स्तर 329 .93 मीटर तक पहुंच गया है। जो खतरे के स्तर 340 .50 मीटर से थोड़ा कम है। वहीं सिंचाई खंड बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक इच्छाड़ी बांध पर टोंस नदी का जलस्तर 642 .80 मीटर तक पहुंच गया है। जो खतरे के स्तर 644.5 मीटर से थोड़ा ही कम है। कमोबेश यही स्थिति यमुना नदी की है। डाकपत्थर में यमुना नदी का जलस्तर 452.5 मीटर दर्ज किया गया है। जो 455.37 मीटर से थोड़ा काम है।