पौड़ी। राज्य सरकार की एकीकृत आदर्श आदर्श कृषि ग्राम योजना(आइएमए विलेज) के तहत जनपद में चयनित गांवों में स्वरोजगार महिलाओं की आर्थिकी का जरिया बनेगा। इसके लिए शासन की ओर से कृषि विभाग को महिला समूहों को दिया जाने वाला रिवाल्विग फंड भी मुहैया करा दिया है। मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली तथा चयनित गांवों में स्वरोजगार से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि जनपद में एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के तहत सोलह गांवों का चयन किया है। इसके तहत इन गांवों में गठित समूहों के माध्यम से आजीविका से जुड़े बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, कुक्कुट पालन, गाय पालन आदि कार्य होने हैं। उन्होंने कहा कि गांव को मॉडल के रुप में विकसित करने के लिए कृषि, पशुपालन, लघु सिचाई, उद्यान आदि विभागों की ओर से कृषि हेतु घेरबाड़, सिचाई टैंक, चैक डैम, मौन पालन, कृत्रिम गर्भाधान, उद्यानीकरण आदि किए जाने हैं। इस दौरान बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि गांवों में स्वरोजगार ग्रामीणों की आजीविका से जुड़े इसके लिए विभाग तत्परता के साथ कार्य शुरु करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार आर्थिकी का बेहतर जरिया है। इसलिए संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर आजीविका पैकेज मॉडल स्कीम के तहत भी विकास कार्यों में तेजी लाने के साथ ही समूह से जुड़ी महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के दिशा में कार्य करें। इस मौके पर जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश, मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एके बत्र्वाल आदि शामिल थे।
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